ठेंगड़ी जी को विभिन्न वर्गों के कल्याण के लिए याद किया जाएगा : केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण
रवीन्द्र भवन में हुई दत्तोपन्त ठेंगड़ी स्मृति राष्ट्रीय व्याख्यानमाला
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारत प्राचीन, अद्भुत और महान राष्ट्र है। भारत ने ही दुनिया को ज्ञान का प्रकाश दिया है। भारत का स्थान सभ्यता और संस्कृति में सबसे आगे रहा है। पहले की तुलना में आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में वैश्विक अर्थ-व्यवस्था में भारत का योगदान 9.5 प्रतिशत तक पहुँच गया है। दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद की तरह दत्तोपंत ठेंगड़ी जी ने भी समाज को संगठित करने की दिशा में अद्भुत कार्य किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान रवींद्र भवन, भोपाल में “21 वीं सदी के वैश्विक परिदृश्य में भारत का आर्थिक सामर्थ्य” विषय पर दत्तोपन्त ठेंगड़ी स्मृति राष्ट्रीय व्याख्यानमाला-2022′ को संबोधित कर रहे थे। केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुईं। संस्थान के अध्यक्ष श्री अशोक कुमार पाण्डेय भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि व्यक्ति का कर्त्तव्य है कि वह राष्ट्र और समाज के लिए अनुशासित हो। दत्तोपंत जी ने कहा था प्रकृति का दोहन करो शोषण नहीं। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं। भारत फिर से विश्व गुरू के पथ पर अग्रसर है। भारत का सामर्थ्य दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के कई देशों को खाद्यान्न भेज रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारे देश के वैज्ञानिक चमत्कार कर रहे हैं। आज का भारत वैभवशाली और सम्पन्न भारत बन रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमने आत्म-निर्भर भारत के लिए आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश बनाने का तय किया है।
केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज यहाँ राष्ट्रऋषि श्री ठेंगड़ी की स्मृति में व्याख्यान माला में हिस्सा लेना मेरा सौभाग्य है। ठेंगड़ी जी को भारत में विभिन्न संस्थानों के निर्माण और विभिन्न वर्गो के कल्याण के लिए हमेशा याद किया जाएगा। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि ब्रिटिश शासन काल के कठिन समय में भी उन्होंने जो कार्य किया, वह सराहनीय है। उन्होंने भारतीय मजदूर संघ के लिए संघर्ष किया। श्रमिकों के कल्याण से ही देश का कल्याण है। अधिवक्ताओं के लिए संगठन भी उन्हीं की देन है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि आत्म-निर्भर भारत बनाने के लिए पहले आत्म विश्वास चाहिए, इसकी भावना राष्ट्रऋषि श्री ठेंगड़ी की प्रेरणा से मिलती है। आर्थिक सुधार के लिए दत्तोपंत जी ने अभूतपूर्व कार्य किए। उन्होंने कहा कि देश में दत्तोपंत जी के विजन का पालन करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। दत्तोपंत जी का लक्ष्य सभी वर्गों को आगे बढ़ाने का था। कम्यूनिज्म, केपिटलिज्म का अंत करने में दत्तोपंत जी की भूमिका रही है। स्व-रोजगार के क्षेत्र में भारत में स्टार्टअप तेजी से बढ़ रहे हैं। स्टार्टअप की क्रांति भारत के युवाओं की है।
संस्थान के निदेशक डॉ. मुकेश कुमार मिश्रा ने कहा कि श्रद्धेय ठेंगड़ी जी ऐसे महापुरूष हैं जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। वे श्रमिक जगत के अधिपति माने जाते हैं। वे कई भाषाओं के जानकार और साहित्यकार, विचारक, दार्शनिक, विधिवेत्ता के रूप में जाने जाते हैं। वे सम्पूर्ण समाज के विकास के पक्षधर थे। संस्थान के सचिव श्री दीपक शर्मा ने कहा कि पिछले एक दशक की आर्थिक नीतियों के कारण देश बदल रहा है। श्री शर्मा ने कहा कि भारत ही दुनिया की सारी समस्याओं का हल है। भारत दुनिया का मार्गदर्शन करेगा। दुनिया भारत की ओर देख रही है।