देहरादून: उत्तराखंड की राजनधानी देहरादून से 25 किमी दूर साहसपुर में सामूहिक दुष्कर्म की खबर ने पूरे देश को एक बार फिर सोचने पर विवश कर दिया है कि हमारा समाज किस दिशा में जा रहा है। यहां पांच नाबालिगों ने आठ साल की बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया है।
वारदात के तरीके के बारे में सुनकर कोर्ट भी हैरान है कि नौ से 14 साल के बच्चे ऐसा जघन्य अपराध कैसे कर सकते हैं। पांचों नाबालिग आरोपितों को किशोर न्याय बोर्ड के प्रमुख मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने के बाद बाल सुधार गृह भेज दिया गया है।
उनके कृत्य पर न्यायालय ने भी हैरानी जताते हुए इसे अक्षम्य करार दिया। प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि आरोपियों में से एक के बड़े भाई के मोबाइल फोन पर गंदी फिल्म देखने के दो दिन बाद लड़कों ने कथित तौर पर 12 जुलाई को लड़की से दुष्कर्म किया।
मामले की जानकारी, रविवार को उस वक्त सामने आई, जब जब लड़की के परिवार ने शिकायत दर्ज कराई और लड़कों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कहा कि लड़कों ने बलात्कार की योजना बनाई और लड़की को आरोपी के घर में चॉकलेट देने का झांसा दिया।
सहसपुर स्टेशन के गृह अधिकारी नरेंद्र राठौर ने कहा कि सभी अभियुक्त मजदूरों के परिवारों के हैं और कक्षा 6 और 9 के छात्र हैं। लड़की पांचवीं कक्षा की छात्रा है और चार भाई-बहनों और माता-पिता के साथ रहती है। उन्होंने कहा कि लड़की घर में खेल रही थी, जबकि उसके माता-पिता कुछ काम के लिए बाहर गए थे।
उसी दौरान ये लड़के आए और उन्होंने बच्ची को चॉकलेट देने का झांसा दिया। इसके बाद वे बच्ची को 10 साल के आरोपी के घर ले गए, जब उनके परिवार के सदस्य काम के लिए बाहर थे। राठौर ने कहा कि उनमें से एक घर के मुख्य दरवाजे पर खड़े होकर निगरानी की, जबकि अन्य ने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया।
राठौर ने कहा कि जब वे अपराध कर रहे थे, उनमें से एक ने 10 वर्षीय आरोपी के बड़े भाई को घर की तरफ देखा। तब उन्होंने लड़की से घर जाने के लिए कहा। घटना से सदमे में आई बच्ची ने घर लौटने के बाद बोलना बंद कर दिया।
लड़की ने रात में खाना भी नहीं खाया। रात में जब उसकी मां ने जोर देकर उससे पूछा, तो बच्ची ने पूरे मामले की जानकारी दी। अगले दिन बच्ची के माता-पिता ने अपने कुछ पड़ोसियों को घटना के बारे में जानकारी दी और आखिरकार रविवार शाम को मामले की शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया।
राठौर ने कहा कि पांचों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया उन सभी को सोमवार को एक किशोर अदालत के समक्ष पेश किया गया। उन्होंने कहा कि उस मोबाइल फोन जब्त कर लिया है, जिस पर लड़कों ने अश्लील वीडियो देखा था।
अदालत ने पुलिस को आदेश दिया है कि इस बात की जांच की जाए कि बच्चों के मोबाइल में अश्लील फिल्म कहां से आई। इसके साथ ही अभिभावकों को बच्चों को मोबाइल से दूर रखने की नसीहत भी दी। इधर, सोमवार को बच्ची का मेडिकल कराया गया।
सहसपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में शनिवार शाम यह शर्मनाक वाकया सामने आने के बाद हर कोई दंग है। सोमवार को पुलिस ने पांचों आरोपितों को किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान मजिस्ट्रेट भवदीप रावत के समक्ष पेश किया। मजिस्ट्रेट ने पांचों नाबालिगों से अलग-अलग बयान लिए। इसके बाद उन्हें बाल सुधार गृह भेज दिया।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इतनी कम उम्र में बच्चों ने जिस योजनाबद्ध तरीके से जघन्य अपराध किया है, वह क्षम्य नहीं है। इतने छोटे बच्चों की ऐसी सोच, इससे इंगित हो रहा है कि समाज किस गलत दिशा में जा रहा है। आरोपितों के बयानों से हैरान अदालत ने अभिभावकों को न केवल चेताया, बल्कि उनका फर्ज भी याद दिलाया।
अदालत ने अपने आदेशों में कहा कि बच्चों के सबसे पहले संरक्षक माता-पिता हैं। वे बच्चों से मोबाइल फोन को दूर रखें, क्योंकि बच्चे फोन पर अपनी सोच के मुताबिक ही इसका उपयोग कर गलत दिशा में जा रहे हैं।