New Congress President: कांग्रेस की केरल इकाई के प्रमुख के सुधाकरण और पार्टी के तेलंगाना चीफ ए रेवंत रेड्डी की तरफ से दिए गए बयानों को खड़गे की उम्मीदवारी के प्रचार के तौर पर देखा गया।
शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस पार्टी के दोनों ही दिग्गज अध्यक्ष पद के लिए दम भरते नजर आ रहे हैं। इसी बीच खबर है कि थरूर कैंप की तरफ से चुनाव समिति के पास ‘धमकी’ की शिकायत दर्ज कराई है। हालांकि, उन्होंने सार्वजनिक तौर पर इसे लेकर कुछ नहीं कहा है। इसके अलावा पार्टी के पदाधिकारियों की तरफ से खड़गे का खुलकर प्रचार जैसे मुद्दे भी सामने आए हैं।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सूत्रों ने बताया है कि थरूर कैंप चुनाव समिति के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री के पास कई शिकायतें लेकर पहुंचा है। सूत्रों का कहना है कि थरूर के अभियान में काम कर रहे दो नेताओं ने मिस्त्री को बताया है कि कुछ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे का खुलकर प्रचार कर दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं। साथ ही थरूर के प्रस्तावकों को कथित तौर पर ‘धमकी’ और पीसीसी डेलीगेट्स की सूची में कथित अंतर की बात भी कही गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, थरूर कैंप की तरफ ने दावा किया है कि कुछ प्रस्तावक वरिष्ठ नेताओं की तरफ से अपना पक्ष बदलने के लिए ‘दबाव’ और ‘धमकी’ का सामना कर रहे थे। हालांकि, यह कहा जा रहा है कि मिस्त्री को सौंपे गए पत्र में किसी नेता का नाम नहीं है।
अब प्रचार का मुद्दा
कांग्रेस की केरल इकाई के प्रमुख के सुधाकरण और पार्टी के तेलंगाना चीफ ए रेवंत रेड्डी की तरफ से दिए गए बयानों को खड़गे की उम्मीदवारी के प्रचार के तौर पर देखा गया। सुधाकरण ने खड़गे के लंबे कार्यकाल को लेकर कहा था कि यह उन्हें कांग्रेस के नेतृत्व के लिए सबसे सक्षम शख्स बनाता है।
वहीं, रेड्डी ने खड़गे को ‘तेलंगाना का बेटा’ बताया था और निजाम के शासन के खिलाफ उनके परिवार के त्याग का जिक्र किया था। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि कैंप ने मिस्त्री को बताया है कि इस तरह के बयान चुनाव समिति की तरफ से जारी दिशा निर्देश का उल्लंघन करते हैं।
खास बात है कि चुनाव समिति की तरफ से जारी गाइडलाइंस के अनुसार, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव/प्रभारी, सचिव/संयुक्त सचिव, प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष, सीएलपी नेता, संगठनों के प्रमुख, विभागों के प्रमुख और सभी आधिकारिक प्रवक्ता किसी का प्रचार नहीं करेंगे। साथ ही यह भी कहा गया था कि अगर कोई किसी उम्मीदवार का समर्थन करना चाहता है, तो उसे संगठन के पद से पहले इस्तीफा देना होगा।
लिस्ट पर सवाल
रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने आरोप लगाए हैं कि नामांकन के दिन थरूर को दी गई पहली सूची और बुधवार को टेलीफोन नंबर के साथ मिली दूसरी सूची में अंतर था। सूत्रों का कहना है कि कुछ राज्यों के डेलीगेट्स के नाम गायब थे।