संस्थान में समर्पण के साथ श्रेष्ठतम उपचार की व्यवस्था की जाए
राज्य सरकार शोध और आधुनिकतम तकनीक के लिए हरसंभव सहायता देने को तत्पर
प्रदेश में आयुर्वेद विश्वविद्यालय स्थापित करने की संभावनाओं पर होगा विचार
मुख्यमंत्री ने पंचकर्म सुपर स्पेशलिटी एवं वेलनेस केन्द्र का किया लोकार्पण
अकादमिक तथा कार्यालय भवनों का हुआ शिलान्यास
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भोपाल का पंडित खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद संस्थान देश के टॉप-10 में ही नहीं देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थान के रूप में अपनी पहचान बनाए। इस उद्देश्य से हमें संस्थान में शोध को प्रोत्साहित और नवीन तकनीक का उपयोग करते हुए गतिविधियाँ संचालित करनी है। कोरोना के कठिन काल में योग और आयुर्वेद ने देश-दुनिया को निराशा से उबारा। संपूर्ण विश्व में स्वस्थ जीवन शैली के लिए लोग योग और आयुर्वेद को अपना रहे हैं। संस्थान में समर्पण के साथ श्रेष्ठतम उपचार की व्यवस्था स्थापित की जाए। राज्य सरकार की ओर से शोध तथा आधुनिकतम तकनीकों की स्थापना में हर संभव सहयोग किया जाएगा। प्रदेश में आयुर्वेद विश्वविद्यालय स्थापित करने की संभावनाओं पर भी विचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संस्थान में शीघ्र ही बालक छात्रावास का निर्माण कराया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान संस्थान के रजत जयंती ऑडिटोरियम में लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कन्या-पूजन तथा आरोग्य के देवता भगवान धनवंतरि के चरणों में दीप जला कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मध्यप्रदेश गान भी हुआ।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दंत और शिरो रोग में उपयोगी बकुल के पौधे लगाए
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना में संस्थान के पंचकर्म सुपर स्पेशलिटी एवं वैलनेस केंद्र तथा रजत जयंती ऑडिटोरियम भवन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अकादमिक भवन और मध्यप्रदेश आयुर्वेद तथा यूनानी चिकित्सा पद्धति एवं प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड कार्यालय भवन का शिलान्यास भी किया। मुख्यमंत्री ने ऑडिटोरियम परिसर स्थित राजकीय महत्व के औषधीय उद्यान में दंत और शिरो रोग में उपयोगी बकुल के पौधे भी लगाए। आयुष राज्य मंत्री श्री रामकिशोर नानो कांवरे, सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, विधायक श्री पी.सी. शर्मा ने भी बकुल के पौधे लगाए।
स्वस्थ जीवन जीने की संपूर्ण विधा है आयुर्वेद
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विश्व में भारत की सर्वाधिक प्राचीन, समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परम्परा रही है। हमारी संस्कृति “पहला सुख निरोगी काया” के सिद्धांत को मानने वाली है। सभी धर्म अर्थात कर्त्तव्यों का पालन करने का आधार, शरीर ही है और उसका निरोगी रहना आवश्यक है। आयुर्वेद और योग इस विचार और व्यवहार पर केन्द्रित है कि हम स्वस्थ कैसे रहें। यह प्रणाली इस सिद्धांत पर कार्य नहीं करती कि जब हम बीमार हों, तब ही इलाज किया जाए। योग और आयुर्वेद में बीमार ही न होने के अनुकूल जीवन-यापन की पद्धति अपनाने पर बल दिया गया है। आयुर्वेद स्वस्थ जीवन जीने की संपूर्ण विधा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी चिकित्सालयों में आयुर्वेद सहित अन्य पैथियों के चिकित्सक भी अपनी सेवाएँ देंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के प्रसिद्ध वैद्य खुशीलाल शर्मा, वैद्य उद्धवदास मेहता और इंदौर के वैद्य रामनारायण शास्त्री का स्मरण भी किया।
हम अंग्रेजी के दबाव में प्रतिभाओं का दम घुटने नहीं देंगे
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में हिन्दी में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई को प्रोत्साहित किया जा रहा है। अंग्रेजी का मतलब विद्वता नहीं है, हम अंग्रेजी के दबाव में प्रतिभाओं का दम घुटने नहीं देंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शासकीय पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद संस्थान में भी हिन्दी को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता बताई।
शोध को प्रोत्साहित करने विशेष टास्क फोर्स
आयुष राज्य मंत्री श्री रामकिशोर नानो कांवरे ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में लागू “वैद्य आपके द्वार” योजना, धनवंतरि ट्रेनिंग के रूप में हुए नवाचार, देवारण्य योजना तथा योग से निरोग कार्यक्रम के परिणामस्वरूप आयुष के क्षेत्र में प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। आयुर्वेद में शोध को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष टास्क फोर्स बनाया गया है। प्रदेश के सात महाविद्यालयों में भी शोध केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं। मंत्री श्री कांवरे ने पंचकर्म सुपर स्पेशलिटी एवं वेलनेस केन्द्र में उपलब्ध उपचार और सुविधाओं की जानकारी दी।
विभिन्न उपचार उपलब्ध होंगे वैलनेस केन्द्र में
आयुष संचालनालय के अंतर्गत विकसित पंचकर्म सुपर स्पेशलिटी एवं वेलनेस केंद्र में स्पेशलाइज्ड पंचकर्म चिकित्सा, संधि गत एवं स्पाइन रोग चिकित्सा, जीवन शैली जन्य रोग निवारण, एडवांस न्यूरो रिहेबिलिटेशन, वृद्धावस्था जन्य रोग चिकित्सा, गर्भिणी एवं सूतिकाचार्य, बाल रोग, कायाकल्प, त्वचा एवं सौंदर्य सलाह, तनाव प्रबंधन, प्रकृति परीक्षा, नाड़ी परीक्षा जैसी चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। केंद्र में अंतरंग रोगी विभाग, सुपर डीलक्स रूम, डीलक्स रूम और सेमी प्राइवेट सुविधा उपलब्ध है। साथ ही जकूजी सोना बाथ, स्टीम चेंबर, योग, ध्यान एवं आयुर्वेद आहार, केरलीय पंचकर्म, अभ्यंगम, शिरोधारा जैसे उपचार की भी व्यवस्था है।