अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या 1 जनवरी से पहले इस मुद्दे का समाधान निकल पाएगा। 1 जनवरी को कर्ज का भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है, जो कोरोना महामारी के दौरान रुकी हुई थी।
अमेरिका में छात्रों का अरबों डॉलर का कर्ज माफ करने की राष्ट्रपति जो बाइडेन की योजना को झटका लगा है। एक संघीय अपीलीय अदालत ने इस पर अस्थायी रोक लगा दी है। 8वीं सर्किट अपीलीय अदालत ने रिपबल्किन पार्टी के शासन वाले 6 राज्यों की याचिका पर विचार करते हुए यह रोक लगाई। इन राज्यों ने अपनी याचिका में कर्ज माफी कार्यक्रम पर रोक लगाने की अपील की थी।
अदालत के इस आदेश में बाइडेन प्रशासन से कहा गया है कि जब तक अपील पर सुनवाई नहीं हो जाती तब तक कार्यक्रम पर आगे न बढ़ा जाए। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पहले ही कर्ज माफी के लिए आवेदन कर चुके 2 करोड़ 20 लाख कर्जधारकों पर इसका क्या असर पड़ेगा। बाइडेन प्रशासन ने कहा था कि 23 अक्टूबर से पहले कर्जमाफी नहीं होगी, क्योंकि उनकी योजना कानूनी चुनौतियों का सामना कर रही है।
अब उठ रहे कई सवाल
प्रशासन ने कहा था कि नवंबर के मध्य से कर्जमाफी शुरू हो जाएगी। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या 1 जनवरी से पहले इस मुद्दे का समाधान निकल पाएगा। 1 जनवरी को कर्ज का भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है, जो महामारी के दौरान रुकी हुई थी। लाखों अमेरिकियों को बाइडेन की योजना के तहत पूरी तरह से अपना कर्ज माफ होने की उम्मीद थी, लेकिन अब वे इस बात को लेकर अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं कि उन्हें जनवरी में भुगतान शुरू करना होगा या नहीं।
2 करोड़ 20 लाख लोगों ने कर्ज माफी के लिए दी अर्जी
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने डेलावेयर स्टेट यूनिवर्सिटी में कहा कि इस सप्ताह ऑनलाइन आवेदन उपलब्ध होने के बाद से लगभग 2 करोड़ 20 लाख लोग कर्ज माफी के लिए अर्जी दे चुके हैं। अगस्त में घोषित योजना के अनुसार 125,000 अमेरिकी डॉलर से कम कमाने वालों या 250,000 डॉलर से कम आमदनी वाले परिवार के छात्रों का 10-10 हजार डॉलर का कर्ज माफ किया जाना है। इसके अलावा ‘पेल अनुदान’ के तहत आने वाले छात्रों का 10 हजार अमेरिकी डॉलर का अतिरिक्त कर्ज माफ किया जाएगा। योजना के तहत 4 करोड़ 30 लाख ऋणदाता कर्जमाफी के लिए योग्य हैं। इनमें से 2 करोड़ कर्जदाताओं का ऋण पूरी तरह माफ किया जा सकता है।