मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि संतुलित जीवन और सुरक्षित धरती छोड़ने के लिए प्रगति और प्रकृति के बीच समन्वय आवश्यक है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प अनुसार राज्य में अधो-संरचना विकास के साथ पर्यावरण की सुरक्षा के लिए व्यापक स्तर पर गतिविधियाँ संचालित हैं। पौध-रोपण के लिए आरंभ किया गया अंकुर अभियान, पर्यावरण-संरक्षण के क्षेत्र में जन-भागीदारी से हुई पहल का श्रेष्ठ उदाहरण है। पौध-रोपण सहित स्वच्छता, जल-संरक्षण, नशे के विरूद्ध अभियान, बेटियों के सशक्तिकरण के लिए प्रदेश में ग्राम-स्तर पर गतिविधियाँ चलाई की जा रही हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समुद्र तट (मुम्बई) से हिमालय तक की साईकिल यात्रा पर निकले पद्मश्री डॉ. अनिल प्रकाश जोशी के साथ पौध-रोपण के बाद मीडिया से चर्चा कर रहे थे। अध्यक्ष, म.प्र. राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम श्री जसवंत जाटव, सामाजिक कार्यकर्ता श्री विजय शर्मा और श्री संदीप माहेश्वरी भी पौध-रोपण में सम्मिलित हुए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्मार्ट सिटी उद्यान में पीपल, कचनार और टिकोमा के पौधे लगाए। पौध-रोपण में श्री दुर्गेश पंत, डॉ. रीमा पंत और सुश्री शालिनी और अशोक जोशी भी शामिल हुए। साईकिल यात्रा में शामिल अन्य युवाओं ने भी पौधे लगाए।
पद्मश्री से सम्मानित डॉ. अनिल प्रकाश जोशी 2 अक्टूबर को प्रगति पथ की जागरूकता को लेकर मुम्बई से उत्तराखंड तक की साईकिल यात्रा पर निकले हैं। यात्रा का उद्देश्य प्रकृति के लिए लोगों को एक साथ जोड़ना है। डॉ. जोशी ने कहा कि महाराष्ट्र से शरू की गई साईकिल यात्रा के मध्यप्रदेश में प्रवेश करते ही हमारे दल को पेड़ों की अधिक छाँव मिलने लगी। सघन वन और निरंतर वृक्षा-रोपण होना मध्यप्रदेश की पहचान है। मुख्यमंत्री श्री चौहान प्रगति और प्रकृति के बीच बेहतर संतुलन के श्रेष्ठ उदाहरण हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान की प्रवृत्ति-प्रकृति के समान है। उनका प्रतिदिन तीन पौधे लगाने का संकल्प अनुकरणीय है।