मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निवास कार्यालय में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की।
जननायक टंट्या मामा स्वंतत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारियों में से एक थे। उनका वास्तविक नाम तांतिया था, जिन्हें प्यार से टंट्या मामा के नाम से बुलाया जाता था। वे वीर योद्धा थे। आज भी बहुत से जनजातीय घरों में जननायक टंट्या मामा की पूजा की जाती है। अपनी लोक-कल्याणकारी छवि के चलते मामा के नाम से प्रसिद्ध क्रांतिकारी टंट्या ने कई वर्षों तक ब्रिटिश शासन को चैन नहीं लेने दिया और उनके लिए एक चुनौती बने रहे। वर्ष 1874 से अपनी गिरफ्तारी तक उन्होंने अनेक अवसर पर सरकारी खजाने को लूटा और उसे जन-साधारण में बाँट दिया। जीवन के अंतिम समय में अंग्रेजों द्वारा इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या मामा को 4 दिसम्बर 1889 को फाँसी दी गई।