मुझे अपने पति के साथ शादी जैसा कुछ भी फील नहीं होता, क्या ये हमारे रिश्ते का अंत है
मैंने अपने पति से लव मैरिज की थी, लेकिन सच तो यह है कि अब मैं उसके साथ खुश नहीं हूं। ऐसा इसलिए क्योंकि मैं और मेरे पति एक घर में रूममेट्स की तरह रहते हैं।
सवाल: मैं एक शादीशुदा महिला हूं। मैंने अपने विवाह में एक अच्छा समय बिताया है। लेकिन आज के समय में मैं अपने पति के साथ बिल्कुल भी खुश नहीं हूं। ऐसा इसलिए क्योंकि मैं और मेरे पति एक घर में रूममेट्स की तरह रहते हैं। मैं आपसे छिपाना नहीं चाहती हम दोनों ने लव मैरिज की थी। हमारा एक बेटा भी है। लेकिन अब हम दोनों ही शादीशुदा कपल्स जैसा कुछ भी महसूस नहीं करते हैं। शायद इसका एक कारण यह भी है कि हम दोनों के बीच काफी समय से कोई भी रोमांटिक रिश्ता नहीं है।
मुझे याद भी नहीं कि हम दोनों लास्ट बार कब एक-दूसरे के करीब आए थे। यही एक वजह भी है कि मैं अपनी शादी के बारे में सोचकर बहुत ही ज्यादा चिंतित हो जाती हूं। क्या ये हमारे रिश्ते का अंत है। ऐसा इसलिए क्योंकि मैं कभी न खत्म होने वाले रिश्ते में फंसी हुई हूं। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मुझे क्या करना चाहिए? क्या हमारा रिश्ता पहले जैसा हो सकता है? (सभी तस्वीरें सांकेतिक हैं, हम यूजर्स द्वारा शेयर की गई स्टोरी में उनकी पहचान गुप्त रखते हैं)
कहती हैं कि हमारे समाज में विवाह को बहुत ज्यादा महत्व दिया गया है। लेकिन यह भी सच है कि इस रिश्ते को निभाना बहुत ज्यादा मुश्किल है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें आने वाली बाधाओं के लिए कोई भी पहले से तैयार नहीं होता है।
लेकिन इसके बाद भी मैं यही कहूंगी कि विवाहित जोड़ों को अपने रिश्ते को प्राथमिकता देना कभी नहीं भूलना चाहिए। शुरूआत में तो सब कुछ ठीक रहता है, लेकिन जब कपल्स की शादी को काफी समय हो जाता है, तो वह एक-दूसरे को हल्के में लेने लगते हैं। आपकी शादी में भी मुझे यही सब देखने को मिल रहा है।
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एक-दूसरे को प्यार करना न छोड़ें
जैसा कि आपने कहा कि आप दोनों एक-दूसरे के लिए कुछ भी महसूस नहीं करते हैं, तो मैं आपको बताना चाहती हूं कि शादीशुदा जोड़ों को अपने पार्टनर को प्राथमिकता देना कभी नहीं भूलना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि माता-पिता बनने से पहले, आप दोनों पति-पत्नी हैं। इस रिश्ते को प्यार-केयर और अहमियत की उतनी ही जरूरत है, जितनी कि आपके दूसरे रिश्तों को।
बहुत बार देखा जाता है कि बच्चों के आ जाने के बाद वैवाहिक जीवन की जिम्मेदारियां माता-पिता के रूप में बंट जाती हैं, जोकि बहुत ही ज्यादा गलत है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आप दोनों ही साथ में खुश नहीं रहेंगे, तो अपने परिवार को एक साथ कैसे रख पाएंगे। सबसे पहले आप दोनों को ही अपने रिश्ते में सुख-दुख का बैलेंस बिठाना आना चाहिए।
वित्तीय चिंताओं से लेकर पेशेवर लक्ष्यों से लेकर स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों तक एक-दूसरे का साथ दें। अगर बढ़ती जिम्मेदारियों की वजह से आप अपना वैवाहिक जीवन खराब करते हैं, तो इस वजह से आपका पैरेंट्स वाला रिलेशन भी बर्बाद हो जाएगा।