वर्ल्ड कप किसी भी फॉर्मेट का कभी न जीतने वाली टीम साउथ अफ्रीका का बारिश से कुछ खास नाता रहा है। तीसरी बार वर्ल्ड कप के इतिहास में बारिश ने साउथ अफ्रीका की क्रिकेट टीम का खेल बिगाड़ा है।
साउथ अफ्रीका की टीम वैसे तो दमदार कही जाती है, लेकिन वर्ल्ड कप में टीम चोक कर जाती है। यहां तक बारिश भी साउथ अफ्रीका की सबसे बड़ी दुश्मन कही जा सकती है, क्योंकि तीन बार अब तक साउथ अफ्रीका की टीम के साथ ऐसा हो चुका है कि टीम मुकाबला जीतने की कगार पर होती है तो बारिश खेल बिगाड़ देती है। सोमवार को होबार्ट में भी टी20 वर्ल्ड कप के मैच में ऐसा हुआ।आपको याद हो या न हो, लेकिन हम आपको बताते हैं कि वर्ल्ड कप में सबसे पहली बार बारिश ने साउथ अफ्रीका का खेल 1992 के वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में किया था, जहां टीम के पास जीतने का मौका था और फाइनल में जगह बनाने के करीब प्रोटियाज टीम थी, लेकिन अंत समय पर आई बारिश ने मैच का नतीजा ही पलट दिया। वहां, मैच साउथ अफ्रीका को हारना पड़ा।
दरअसल, 1992 के वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचने के लिए साउथ अफ्रीका को 13 गेंदों में 23 रन चाहिए थे, लेकिन बारिश ने दो ओवर का खेल खराब कर दिया। ऐसे में साउथ अफ्रीका को 1 गेंद में 22 रन बनाने का टारगेट मिला, जो असंभव था, क्योंकि उस समय मोस्ट प्रोडक्टिव ओवर मेथड चलता था, जिसमें ये था कि पहले खेलने वाली टीम ने किसी भी ओवर में सबसे ज्यादा रन बनाए हैं तो उसमें एक रन और जोड़ दिया जाए।
वहीं, 2003 के वनडे वर्ल्ड कप में भी साउथ अफ्रीका की टीम के साथ ऐसा हुआ था, जब श्रीलंका के खिलाफ मैच साउथ अफ्रीका की टीम आसानी से जीतने वाली थी और आगे बढ़ सकती थी, लेकिन बारिश ने यहां भी बाधा डाली और मैच बेनतीजा के रूप में समाप्त हुआ। हालांकि, तब तक D/L मेथड आ चुका था, लेकिन बारिश बंद नहीं हुई थी और इस नियम की वजह से मैच टाई के रूप में समाप्त हुआ था।
अब टी20 वर्ल्ड कप 2022 में साउथ अफ्रीका का साथ बारिश ने नहीं दिया। होबार्ट में खेला गया मैच 20-20 ओवर की बजाय 9-9 ओवर का हुआ, जो साउथ अफ्रीका की पारी के दौरान 7 ओवर का कर दिया गया, लेकिन 3 ओवर ही जिम्बाब्वे की टीम की तरफ से फेंके गए थे, तब तक बारिश ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया था और इस तरह मैच का नतीजा बेनतीजा रहा, जिसमें 3 ओवर में साउथ अफ्रीका ने 51 रन बना लिए थे।