खुफिया रिपोर्ट का दिया हवालाइमरान खान देश में आम चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं. उनके मार्च के नवंबर के आखिरी हफ्ते में इस्लामाबाद पहुंचने की उम्मीद है। इमरान ने घोषणा की है कि वह रावलपिंडी में मार्च में शामिल होंगे।
Pakistan News: इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की हत्या की एक और कोशिश की आशंका जताई है। अदालत ने जोर देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पर मंडराते खतरे का संज्ञान लेना सरकार की जिम्मेदारी है। ‘डॉन’ अखबार की खबर के अनुसार, न्यायाधीश ने अदालत में सौंपी एक खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इमरान पर एक और जानलेवा हमला होने की आशंका है। मालूम हो कि इमरान खान के काफिले पर तीन नवंबर को वजीराबाद में एक मार्च के दौरान हमला किया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री इस हमले में पैर में गोली लगने से घायल हो गए।
पूर्व पीएम की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी
मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक की यह टिप्पणी इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए- इंसाफ (PTI) द्वारा आयोजित प्रदर्शन के कारण मार्ग अवरूद्ध किये जाने के सिलसिले में व्यापारियों द्वारा दायर एक याचिका के मद्देनजर आई है। न्यायमूर्ति फारूक ने कहा कि इमरान खान की पार्टी को इस्लामाबाद प्रशासन को एक नयी अर्जी देकर अपने मार्च के लिए अनुमति मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘यदि मुद्दे का समाधान नहीं होता है तो एक नयी याचिका दायर की जा सकती है।’ उन्होंने कहा कि धरने के लिए जगह आवंटित करना अदालत की जिम्मेदारी नहीं है।
इससे पहले पाकिस्तान उच्चतम न्यायालय ने खान के विरोध मार्च को रोकने का अनुरोध करने वाली एक याचिका खारिज करते हुए गुरुवार को कहा था कि यह एक राजनीतिक मुद्दा है और इसका राजनीतिक रूप से समाधान होना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश फारूक ने कहा कि प्रदर्शन करना हर राजनीतिक और गैर राजनीतिक दल का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन आम नागरिकों के अधिकारों को बरकरार रखना भी जरूरी है। इमरान खान देश में आम चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं. उनके मार्च के नवंबर के आखिरी हफ्ते में इस्लामाबाद पहुंचने की उम्मीद है। इमरान ने घोषणा की है कि वह रावलपिंडी में मार्च में शामिल होंगे।
Pakistan News: इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की हत्या की एक और कोशिश की आशंका जताई है। अदालत ने जोर देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पर मंडराते खतरे का संज्ञान लेना सरकार की जिम्मेदारी है। ‘डॉन’ अखबार की खबर के अनुसार, न्यायाधीश ने अदालत में सौंपी एक खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इमरान पर एक और जानलेवा हमला होने की आशंका है। मालूम हो कि इमरान खान के काफिले पर तीन नवंबर को वजीराबाद में एक मार्च के दौरान हमला किया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री इस हमले में पैर में गोली लगने से घायल हो गए।
पूर्व पीएम की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी
मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक की यह टिप्पणी इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए- इंसाफ (PTI) द्वारा आयोजित प्रदर्शन के कारण मार्ग अवरूद्ध किये जाने के सिलसिले में व्यापारियों द्वारा दायर एक याचिका के मद्देनजर आई है। न्यायमूर्ति फारूक ने कहा कि इमरान खान की पार्टी को इस्लामाबाद प्रशासन को एक नयी अर्जी देकर अपने मार्च के लिए अनुमति मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘यदि मुद्दे का समाधान नहीं होता है तो एक नयी याचिका दायर की जा सकती है।’ उन्होंने कहा कि धरने के लिए जगह आवंटित करना अदालत की जिम्मेदारी नहीं है।
इससे पहले पाकिस्तान उच्चतम न्यायालय ने खान के विरोध मार्च को रोकने का अनुरोध करने वाली एक याचिका खारिज करते हुए गुरुवार को कहा था कि यह एक राजनीतिक मुद्दा है और इसका राजनीतिक रूप से समाधान होना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश फारूक ने कहा कि प्रदर्शन करना हर राजनीतिक और गैर राजनीतिक दल का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन आम नागरिकों के अधिकारों को बरकरार रखना भी जरूरी है। इमरान खान देश में आम चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं. उनके मार्च के नवंबर के आखिरी हफ्ते में इस्लामाबाद पहुंचने की उम्मीद है। इमरान ने घोषणा की है कि वह रावलपिंडी में मार्च में शामिल होंगे।