मेरठ के हाशिमपुरा में 2 मई 1987 को 40 मुस्लिम युवकों को हत्याकांड के 30 साल बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को पहली बार सबूत पेश किया। पीएसी के जवानों ने इस नरसंहार को अंजाम दिया जिसमें 78 वर्षीय गवाह रणबीर सिंह बिश्नोई ने एक केस डायरी सौंपी है।
इस केस डायरी में कथित रुप से शामिल सभी पीएसी के जवानों के नाम शामिल हैं। डायरी में 1987 में मेरठ पुलिस लाइंस में तैनात पीएसी कर्मियों के नाम दर्ज हैं। बता दें कि साल 2015 में सबूतों की कमी के चलते सेशन कोर्ट ने सभी 16 पीएसी कर्मियों को बरी कर दिया था। लेकिन राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद केस डायरी को सबूत के तौर पर पेश किया गया है।
डायरी के कुल पांच पन्ने सुबूत के तौर पर पेश किए गए। इसमें बिश्नोई ने कुल 17 पीएसी कर्मियों के नाम लिए हैं जिसमें प्लाटून कमांडर सुरेंद्र पाल सिंह, हेड कांस्टेबल निरंजन लाल, कमल सिंह, श्रवण कुमार, कुश कुमार, एससी शर्मा, कांस्टेबल ओम प्रकाश, शमी उल्लाह, जय पाल, महेश प्रसाद, राम ध्यान, लीलाधर, हमबीर सिंह, कुंवर पाल, बुद्ध सिंह, बसंत, बल्लभ, नाइक रामबीर सिंह। टीम डिजिटल