नई दिल्ली – गुजरात में पटेल समुदाय को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने के मामले ने फिर तूल पकड़ लिया है। गुजरात के आरक्षण आंदोलन की अगुवाई कर रहे हार्दिक पटेल व उनके समुदाय के अन्य नेताओं की जेल से रिहाई की मांग को लेकर लोगों ने खुले तौर पर मोर्चा खोल दिया है।
हार्दिक पटेल व उनके समर्थकों की रिहाई की मांग को लेकर पटेल समुदाय के लोगों ने रिहाई तक अपने बच्चों को स्कूल न भेजने का ऐलान किया है।
गुजरात के पटेल समुदाय के करीब 1000 स्कूली बच्चों के परिजनों ने ऐलान किया है कि जब तक हार्दिक पटेल और उनके समर्थकों को जेल से रिहा नहीं किया जाता वे अपने बच्चों को प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में नहीं भेजेंगे।
पटेल समुदाय के लोगों के इस फैसले से कहीं न कहीं सरकार की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। तो वहीं आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे इस आंदोलन को और बल मिलेगा।
खबरों के मुताबिक गुजरात के कान्सा, विसनगर और वालमगांव के पटेल समुदाय के लोगों ने हार्दिक पटले व समुदाय के अन्य नेताओं की रिहाई तक अपने बच्चों को स्कूल न भेजने की बात कही है। बता दें कि इन गांवों में पटेल समुदाय के लोगों की अधिकांश आबादी है। इन तीन गांवों कुल 10 प्राइमरी और जूनियर हाई स्कूल हैं।
उधर परिजनों के इस ऐलान ने सरकार और स्कूल के प्रिंसिपल के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। शनिवार को इन तीनों गांव के बच्चे स्कूल से घर चले गए।
बच्चों के परिजनों का कहना है जब तक हार्दिक पटेल व उनके समुदाय के अन्य लोगों व आरक्षण आंदोलन से जुड़े कार्यकताओं व समर्थकों को जेल से रिहा नहीं किया जाता वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेगें।
वहीं हार्दिक पटेल के पिता भारत पटेल ने भी रिहाई को लेकर आगामी 6 जनवरी से अनशन करने का ऐलान किया है।गौरतलब है कि आरक्षण की मांग कर रहे हार्दिक पटेल व पटेल समुदाय के कई नेता बीते अक्टूबर माह से देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद हैं।