नई दिल्ली : चीन पहली बार विदेशी सीमाओं पर अपनी नौसेना का विस्तार करने जा रहा है। इसके लिए नौसैनिकों की संख्या 20 हजार से 1 लाख तक करने की योजना है। जहां चीन इन नौसैनिकों को तैनात करेगा उनमें सामरिक दृष्टि से मजबूती रखने वाला पाकिस्तान में मौजूद ग्वादर बंदगाह है।
इसके अलावा भारतीय प्रशांत महासागर में मौजूद मिलिट्री लॉजिस्टिक्स बेस जिबूटी में भी चीन अपने नौसैनिकों की संख्या बढ़ाएगा। हांग कांग स्थिति साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक चीन ने सागरीय सीमा की रक्षा के लिए इस तरह की योजना तैयार की है।
ग्वादर गहरे समुद्र में मौजूद एक बंदरगाह है जो कि खाड़ी देशों के तेल मार्ग के बीच स्थित है। इस बंदरगाह को चीन की फंडिंग के जरिए बनाया गया है।
ऐसा माना जा रहा है कि भले चीन इस बंदरगाह पर अपने नौसेना को तैनात करे या न करे, लेकिन यहां चीन के नौसेना के जहाज आने वाले समय में यहां जरूर दिखाई दे सकते हैं।
ग्वादर 46 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर को पाक अधिकृत कश्मीर और शिनजांग प्रांत को जोड़ता है। इसके अलावा सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तान भी इस बंदरगाह पर 15 हजार सैनिकों की तैनाती की योजना बना रहा है।
जिसमें 9000 पाकिस्तान थल सैनिक 6 हजार अर्धसैनिक बल के जवान शामिल होंगे। ये सैनिक चाइना-पाक इकनॉमिक कॉरिडोर की रक्षा और चीन के जवानों पर नजर रखने के लिए तैनाद होंगे।
पिछले काफी वक्त से चीन सैन्य आधुनिकीकरण की कोशिश के साथ अपनी सैन्य शक्तियों का विस्तार करने में लगा हुआ है। चीन की सैन्य विस्तार की एक वजह दक्षिण चीन सागर में अधिकार को लेकर पैदा हुआ विवाद भी है।
चीन थल सेना की जगह नौसेना का आकार बढ़ाने की तरफ ध्यान दे रहा है। यही वजह है कि राष्ट्रपति शी चिनपिंग ने पीपल्स लिबरेशन आर्मी से 3 लाख सैनिकों को कम करने की योजना बनाई है।
इसके अलावा 15 फीसदी नौसेना का विस्तान करने की योजना में ड्रैगन लगा हुआ है। चीन की सेना में फिलहाल 2.35 लाख नौसैनिक मौजूद हैं।