बाराबंकी जिले के रामनगर क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई।
रामनगर के पुलिस क्षेत्राधिकारी पवन गौतम के मुताबिक रानीगंज गांव और उसके आसपास के छोटे गांवों के कई लोगों ने सोमवार/मंगलवार की दरमियानी रात को शराब पी थी, उसके बाद उनकी तबीयत खराब हो गई।
इसी बीच उनमें से एक-एक कर कम से कम दस लोगों की मौत हो गई। यूपी के आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने बताया, एक जिला प्रशासन अधिकारी, आठ पुलिसकर्मियों को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है।
मरने वालों में चार एक ही परिवार के सदस्य हैं। मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। गौतम ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है। घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जहरीली शराब से हुई मौतों पर गहरा अफसोस जाहिर करते हुए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को फौरन मौके पर पहुंचकर सहायता उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं।
इन लोगों ने कल देशी शराब के ठेके से शराब लेकर पी थी, लेकिन ठेके वाले ने उन्हें मिलावटी शराब दे दी। शराब पीने के बाद अचानक इन लोगों को दिखना बंद हो गया और इनमें से 10 की मंगलवार सुबह तक जान चली गई।
इस दर्दनाक घटना से कई घरों में तो शवों को कंधा देने वाला भी कोई नहीं बचा। बताया जा रहा है कि दानवीर सिंह की एक देशी शराब की दुकान है।
इसी दुकान से सोमवार रात आसपास गांव के कई लोगों ने शराब लेकर पी। जिसके बाद इन लोगों की हालत बिगड़ने लगी। इनमें से कुछ की घर पर मौत हो गई, जबकि कई लोगों को अस्पताल ले जाया गया।
जहां गंभीर हालत में उनका इलाज चल रहा है। इलाके के तीन भाई रमेश, मुकेश, सोनू के साथ उनके पिता छोटेलाल की मौत इस घटना में हो गई।
इलाके के लोगों का आरोप है कि दानवीर सिंह के ठेके से नकली शराब बनाकर बेची जाती ही। सभी लोगों ने यहीं से शराब खरीदी थी।
साथ ही उन्होंने इस घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ बेहद सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने आबकारी विभाग के प्रमुख सचिव को भी इस मामले की जल्द से जल्द जांच करने और घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
आपको बता दें कि जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला उत्तर प्रदेश में थम नहीं रहा है। सरकारें बदलती रही हैं लेकिन जहरीली शराब का कहर जारी है।
इसी साल फरवरी के महीने में ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहरीली शराब से 72 लोगों की मौत हो गई थी।
वहीं जब उत्तर प्रदेश में भी अखिलेश यादव की सरकार थी तो लखनऊ से सटे मलीहाबाद और उन्नाव में भी 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
हालांकि सिर्फ इन राज्यों में ही नहीं देश के कई राज्यों में जहरीली शराब से मौतों की घटनाएं सामने आती रहती हैं।
दरअसल जहरीली शराब का नेटवर्क या उत्पादन बिना स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से नहीं हो सकता है। लेकिन सरकारों की ओर से दिए गए सख्त आदेश के बाद भी ऐसी घटनाएं आती हैं जो हैरान करने वाली हैं।