अहमदाबाद- देवाधि देव महादेव सोमनाथ महादेव मंदिर पर बरस रहा है सोना ! सोमनाथ महादेव मंदिर को एक डोनर ने तीन साल में 100 किलो सोना दान किया है. देश के प्रथम ज्योर्तिंलिंग सोमनाथ महादेव मंदिर के गर्भ गृह को सोना जड़ित करने का काम अक्षरतृतिया के दिन पूर्ण हो गया है.
साथ ही सोमनाथ महादेव मंदिर को मिले 40 किलो सोने से मंदिर के अंदर के भाग को स्वर्ण जड़ित किया गया. कहा जाता है कि सदियों पहले सोमनाथ महादेव मंदिर सोने का था. मगर कई बार इस मंदिर को लुटेरों ने लूट लिया और आज ये मंदिर पत्थर का रह गया.
सोमनाथ महादेव मंदिर का सदियों के बाद सुवर्ण युग वापस आया है. सोमनाथ महादेव मंदिर फिर से सोना मढ़ित किया गया है. सोमनाथ महादेव मंदिर को तीन साल पहले 100 किलो सोना डोनेट करने का मुंबई के एक दाता ने संकल्प किया था. दो साल पहले 60 किलो सोना दान किया था.
जिसमें से मंदिर का त्रिशूल, गर्भ गृह, डमर, ध्वजादंड और शिखर सुवर्ण जड़ित किया गया था. हाल ही में फिर से दिलीपभाई लखि ने 40 किलो सोना सोमनाथ मंदिर को दान करके किया हुआ संकल्प पूरा किया है. सोमनाथ मंदिर को 40 किलो दान मिलते ही कुल 100 किलो सोना हो चुका है.
सोमनाथ मंदिर हिंदुओं के लिए एक पावन स्थल है क्योंकि मिथकों के अनुसार इसे शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से पहला माना जाता है. कहते हैं कि इसका निर्माण स्वयं चंद्रदेव सोमराज ने किया था. इसका उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है.
गुजरात के वेरावल बंदरगाह में स्थित इस मंदिर की महिमा और कीर्ति दूर-दूर तक फैली थी. अरब यात्री अल बरूनी ने अपने यात्रा वृतान्त में इसका विवरण लिखा जिससे प्रभावित हो महमूद ग़ज़नवी ने सन 1025 में सोमनाथ मंदिर पर हमला किया, उसकी सम्पत्ति लूटी और उसे नष्ट कर दिया.
इसके बाद गुजरात के राजा भीम और मालवा के राजा भोज ने इसका पुनर्निर्माण कराया. सन 1297 में जब दिल्ली सल्तनत ने गुजरात पर क़ब्ज़ा किया तो इसे फिर गिराया गया. सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण और विनाश का सिलसिला जारी रहा.
इस समय जो मंदिर खड़ा है उसे भारत के गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने बनवाया और पहली दिसंबर 1995 को भारत के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया.