Corona in China: चीन में इस समय कोरोनावायरस ने कहर बरपाया हुआ है। यहां हालात बेकाबू हैं और सरकार के प्रति भी जनता में बहुत आक्रोश है। संक्रमण से निपटने के लिए अब चीन के अधिकारी घर-घर जाकर 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कोविड-19 का टीका लगवाने के लिए जतन कर रहे हैं लेकिन अधिकांश लोग इसमें रुचि नहीं दिखा रहे हैं। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने वृद्ध नागरिकों की टीकाकरण दर बढ़ाने के लिए गत 29 नवंबर को एक अभियान की घोषणा की थी। यह स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि स्वास्थ्य देखभाल संकट से बचने के लिए महत्वपूर्ण है। सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के सामने दुनिया के सबसे कड़े एंटीवायरस प्रतिबंधों में से सबसे बड़ी बाधा भी है।
चीन में 1 से 2 मिलियन मौतों का अनुमान
चीन ने “ज़ीरो-कोविड” रणनीति के साथ दो साल तक मामलों की संख्या को कम रखा, जिसने शहरों को अलग-थलग कर दिया और लाखों लोगों को उनके घरों तक सीमित कर दिया। स्वास्थ्य आयोग ने इस महीने केवल छह COVID-19 मृत्यु दर्ज की है, जिससे देश में मृत्यु संख्या 5,241 हो गई है। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने पिछले सप्ताह कहा कि चीन अपने आधिकारिक COVID-19 टोल में केवल निमोनिया या श्वसन संबंधी समस्या से होने वाली मौतों को गिनता है। अब विशेषज्ञों ने 2023 के अंत तक चीन में 1 से 2 मिलियन मौतों का अनुमान लगाया है।
टीकाकरण की संख्या दोगुनी
राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने 23 दिसंबर को घोषणा की कि देश भर में प्रतिदिन टीकाकरण किए जाने वाले लोगों की संख्या दोगुनी से अधिक बढ़कर 3.5 मिलियन हो गई है। लेकिन यह अभी भी एक छोटा सा अंश है जो 2021 की शुरुआत में हर दिन किया जा रहा था। वृद्ध लोगों को चीनी निर्मित टीकों के संभावित दुष्प्रभावों से दूर रखा जाता है, जिसके लिए सरकार ने 60 और उससे अधिक उम्र के लोगों पर परीक्षण के परिणामों की घोषणा नहीं की है।
इस वजह से नहीं दिखा रहे वैक्सीनेशन में दिलचस्पी
चीन में अधिकांश लोग टीकाकरण को लेकर अनिच्छुक हैं क्योंकि उन्हें मधुमेह, हृदय की समस्याएं और अन्य स्वास्थ्य जटिलताएं हैं। विशेषज्ञों की चेतावनियों के बावजूद कि उनके लिए टीकाकरण करना और भी जरूरी है क्योंकि COVID-19 के जोखिम लगभग सभी में संभावित वैक्सीन दुष्प्रभावों से अधिक गंभीर हैं। एक 55 वर्षीय शख्स को टीका लगने के बाद बुखार और खून के थक्के जमने लगे।