नई दिल्ली। बाबरी विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता आडवाणी, जोशी, कल्याण सिंह सहित भाजपा और विश्व हिंदू परिषद के 13 नेताओं पर आपराधिक साजिश के तहत मुकदमा चलेगा। सीबीआई ने कोर्ट में अपील किया कि इन नेताओं पर आपराधिक साजिश रचने के तहत मुकदमा चलाई जाए। सीबीआई की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने मान ली है। ये मुकदमा लखनऊ सेंशन कोर्ट में चलेगा और हर दिन मामले की सुनवाई चलेगी।
गत छह अप्रैल को हुई सुनवाई में शीर्ष अदालत ने कहा था कि इस तरह के मामले में इंसाफ के लिए हमें दखल देना होगा। यह देखते हुए तकनीकी कारणों से आडवाणी सहित इन नेताओं पर लगे आपराधिक षड्यंत्र केआरोप हटाए गए थे, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था हम इसके लिए संविधान के अनुच्छेद-142(सुप्रीम कोर्ट को मिले विशेषाधिकार) का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
साथ ही शीर्ष अदालत ने यह भी सवाल किया था कि इस मामले में एक ही षडयंत्र हैं, तो इसके लिए दो अलग-अलग ट्रायल क्यों? पीठ ने कहा कि हम हाईकोर्ट से यह कह सकते हैं कि वह इस मामले के संयुक्त ट्रायल के लिए एक जज को नियुक्त करें, जो समयबद्ध तरीके से सुनवाई करें, जिससे कि इस मामले की सुनवाई दो वर्षों में पूरी हो सके।
मालूम हो कि आडवाणी सहित अन्य नेताओं पर रायबरेली की अदालत में भीड़ को उकसाने का मामला चल रहा है जबकि लखनऊ की विशेष अदालत में कार सेवकों पर षड्यंत्र और विवादित ढांचे को ढहाने का मुकदमा चल रहा है।
सीबीआई की ओर से दलील दी गई थी कि इन 13 नेताओं के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र का मुकदमा चलना चाहिए। वहीं आडवाणी और जोशी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील केके वेणुगोपाल ने संयुक्त ट्रायल के आइडिया का विरोध किया था। उनका कहना था कि सीआरपीसी केतहत ऐसा नहीं किया जा सकता। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि इस तरह केमामले में सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद-142 का इस्तेमाल नहीं कर सकता क्योंकि यह आरोपियों के जीवन जीने और स्वतंत्रता केमूल अधिकार से जुड़ा मामला है।