नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री और लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान ने सवर्ण आरक्षण के मुद्दे पर कहा कि गरीब सवर्णों को भी 15 फीसद आरक्षण मिलना चाहिए।
बताते चलें कि इससे पहले शुक्रवार को अपने ही लोकसभा क्षेत्र हाजीपुर में रामविलास पासवान का स्वागत लोगों ने काला झंडा दिखा कर किया था।
इसके बाद पासवान ने सवर्ण गरीबों को आरक्षण दिए जाने की बात कह कर आरक्षण के मुद्दे को हवा दे दी है। हालांकि, पासवान और उनकी पार्टी लंबे समय से गरीब सवर्णों को आरक्षण दिए जाने की बात करती रही है।
मोदी सरकार में पासवान सबसे वरिष्ठ दलित चेहरा हैं, जो दलित समाज की बात उठाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग मोदी सरकार को दलित-विरोधी और पिछड़ी जाति विरोधी मानत थी। यह लोगों की यह गलत धारणा थी। सरकार ने दलितों के लिए काफी काम किया है और इसीलिए अब लोगों का नजरिया भी बदल रहा है।
अब लोग कह रहे हैं मोदी सरकार उच्च जाति के विरोधी हैं, जबकि ऐसा नहीं है। पासवान ने कहा कि राहुल गांधी यह कह दें कि वह एससी/एसटी एक्ट में बदलाव का विरोध करते हैं। इस एक्ट की वजह से जो 25 फीसद एससी/एसटी आबादी बिखरी हुई थी और भ्रमित थी, अब मोदी के साथ हो गई है।
पासवान ने कहा कि लोजपा गरीब सवर्ण आरक्षण के लिए आवाज उठाएगी। इससे पहले भी केंद्रीय मंत्री तमिलनाडु का उदाहरण देते हुए कह चुके हैं कि वहां 69 फीसद आरक्षण है। यदि सभी राजनीतिक दल तय कर लें, तो सवर्ण गरीबों को आरक्षण देने में कोई परेशानी नहीं है।
कांग्रेस की सवर्ण राजनीति पर पासवान ने कहा कि आजादी के बाद से कांग्रेस केंद्र में रही, लेकिन तब उन्होंने सवर्णों को आरक्षण क्यों नहीं दिया? आज कांग्रेस गरीब सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग क्यों कर रही है।