नई दिल्ली : उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने भयानक तबाही हुई है। यहां ग्लेशियर फटने के कारण हाइड्रो पॉवर प्रोजेकेट बांध टूट गया है, जिसके कारण कई मजदूरों के बहने की आशंका है। मिली जानकारी के मुताबिक प्रशासन ने राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया है। इस प्राकृतिक हादसे में कई घरों के बहने की भी आशंका है। स्थानीय प्रशासन के सुरक्षा के मद्देनजर धौलीगंगा नदी के किनारे बसे कई गांवों को खाली कराने का आदेश दे दिया है। साथ ही पानी के तेज बहाव के कारण कीर्ति नगर, देवप्रयाग, मुनि की रेती जैसे इलाकों में अलर्ट रहने को कहा है।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने इस हादसे में करीब 150 लोगों के बहने की पुष्टि की है। वहीं इस हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से बात की। उन्होंने बचाव और राहत कार्य का जायजा लिया। अधिकारी प्रभावित लोगों को हर संभव मदद प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज असम के दौरे पर हैं, लेकिन उत्तराखंड के हर हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
दिल्ली से भी उत्तराखंड भेजी जा रही एनडीआरएफ की टीमें : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह चमोली हादसे पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने बताया कि NDRF की कुछ और टीमें दिल्ली से एयरलिफ्ट करके उत्तराखंड भेजी जा रही हैं। हम वहां स्थिति को निरंतर मॉनिटर कर रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की सूचना के संबंध में मैंने CM त्रिवेंद्र सिंह रावत, DG ITBP व DG NDRF से बात की। सभी संबंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। NDRF की टीमें बचाव कार्य के लिए निकल गयी हैं। देवभूमि को हर संभव मदद दी जाएगी।
अलकनंदा का बहाव सामान्य हुआ : इधर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा है कि राहत की खबर ये मिली है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है। नदी का जलस्तर सामान्य से अब 1 मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है। राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी एवं मेरी समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नजर रख रही है। वहीं एनडीआरएफ की डीजी एसएन प्रधान ने कहा कि चमोली और जोशीमठ के आसपास ग्लेशियर फटने से बांध पर असर हुआ है। ग्लेशियर ऋषिगंगा पर आकर गिरा है, बीआरओ द्वारा जो ब्रिज बनाया जा रहा था उस पर भी असर हुआ है। SDRF और ITBP पहले से जोशीमठ में है। हम NDRF की 3-4 टीमों को रवाना कर रहे हैं।
इधर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि चमोली जिले से एक प्राकृतिक आपदा की सूचना मिली है। जिला प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रबंधन विभागों को स्थिति से निपटने के लिए निर्देश दिया गया है। लोगों से अनुरोध है कि किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है। वहीं चमोली जिले की पुलिस ने बताया है कि तपोवन रेणी क्षेत्र में ग्लेशियर फटने के कारण ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को काफी क्षति पहुंची है, जिससे नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है और अलकनंदा नदी में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। लोगों को जल्दी से जल्दी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।