नयी दिल्ली : 1984 के सिख-विरोधी दंगों से जुड़े 186 मामलों की फिर से जांच की जायेगी, उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा बंद किये गये 186 मामलों की जांच फिर से होगी।
शीर्ष अदालत का यह फैसला इसके द्वारा गठित एक समिति की सिफारिश के बाद आया है।
समिति ने 241 बंद पड़े मामलों में से 186 को फिर से खोलने और इसकी पुन: जांच कराये जाने की सिफारिश
न्यायालय ने बुधवार को सिख विरोधी दंगा के 186 बंद मामलों की जांच के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में नए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन के आदेश दिए।
इन मामलों की जांच इससे पहले गठित एसआईटी ने बंद कर दी थी। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने नई एसआईटी के गठन का आदेश दिया जिसमें भारतीय पुलिस सेवा के मौजूदा अधिकारी और एक सेवानिवृत्त अधिकारी को भी शामिल किया जाएगा।
न्यायालय ने यह आदेश पर्यवेक्षक समिति की उस रिपोर्ट के बाद दिया जिसमें बताया गया है कि पहले की एसआईटी ने 241 मामलों में से 186 मामलों को बिना जांच के ही बंद कर दिया था।
इस नई एसआईटी की अध्यक्षता के लिए उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और दो अन्य अधिकारियों के नाम गुरुवार को तय किए जाएंगे।
सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीशों जे.एम. पांचाल व के. एस. राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पर्यवेक्षण समिति इन 242 मामले की समीक्षा कर रही थी।