नागपुर – 1993 के मुंबई बम धमाकों में दोषी याकूब अब्दुल रज्जाक मेनन को 30 जुलाई को सुबह सात बजे फांसी हो सकती है। सरकार के साथ ही जेल प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। मुंबई की टाडा कोर्ड से फांसी की वारंट जारी हो चुका है।
याकूब मुंबई बम धमाकों की साजिश में शामिल था, जिसमें 260 लोग मारे गए थे और 700 से ज्यादा घायल हुए थे। जुलाई 2007 में याकूब को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा दी गई थी। उसने मुंबई हाई कोर्ट के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई, जो खारिज हो गई।
इसके बाद राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका पेश की, जिसे अमान्य कर दिया गया। अब महाराष्ट्र सरकार ने भी फांसी की अनुमति दे दी है। जानकारी के मुताबिक, याकूब के परिवार को भी इस बारे में बता दिया गया है।
याकूब के पास क्यूरेटिव याचिका एक मात्र रास्ता है। अगर समय रहते यह याचिका दायर होती है तो फांसी पर रोक लग सकती है। हालांकि याकूब की स्थिति देखते हुए इसकी संभावना कम ही है। उसने अपने वकील से भी मिलने से इनकार कर दिया है।
इससे पहले अप्रैल 2015 को याकूब की पुनर्विचार याचिका खारिज हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मेनन की याचिका खारिज करते हुए उसकी फांसी की सजा बरकरार रखी थी। उसने अपनी याचिका में फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील करने की अपील की थी।