स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेष सचिव संजीव कुमार ने न्यूज एजेंसी एनएनआई को बताया कि देश में अभी टेस्टिंग की क्षमता मौजूद है। उन्होंने जानकारी दी कि अभी तक सिर्फ 10 प्रतिशत क्षमता का ही प्रयोग किया जा सका है। भारत सरकार की तरफ से कोरोना वायरस की टेस्टिंग के लिए 52 टेस्टिंग सेंटर्स बनाए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को सलाह दी है कि अगर उन्हें कोरोना के लक्षण जैसे खांसी, बुखार या फिर सांस लेने में परेशानी, नजर नहीं आ रहे हैं तो फिर उन्हें टेस्टिंग से दूर रहना चाहिए।
नई दिल्ली: भारत में नोवोल कोरोना वायरस के केस 100 से ऊपर हो गए हैं और दो लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से आदेश दिया गया है कि कोरोना वायरस की पुष्टि के लिए होने वाले पहले और दूसरे टेस्ट पूरी तरह से फ्री होंगे। मंत्रालय की तरफ से रविवार को स्पष्ट कर दिया गया है कि हर नागरिक के लिए दो टेस्ट के दौरान कोई फीस नहीं ली जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेष सचिव संजीव कुमार ने न्यूज एजेंसी एनएनआई को बताया कि देश में अभी टेस्टिंग की क्षमता मौजूद है। उन्होंने जानकारी दी कि अभी तक सिर्फ 10 प्रतिशत क्षमता का ही प्रयोग किया जा सका है। भारत सरकार की तरफ से कोरोना वायरस की टेस्टिंग के लिए 52 टेस्टिंग सेंटर्स बनाए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को सलाह दी है कि अगर उन्हें कोरोना के लक्षण जैसे खांसी, बुखार या फिर सांस लेने में परेशानी, नजर नहीं आ रहे हैं तो फिर उन्हें टेस्टिंग से दूर रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण नजर आ रहे हैं या फिर उनकी इस महामारी से संक्रमित देश जैसे इटली या चीन की ट्रैवेल हिस्ट्री रही है तो फिर उन्हें हेल्पलाइन नंबर 011-23978046 पर कॉल करना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी के मुताबिक, ‘हेल्पलाइन नंबर सर्विस के जरिए कॉन्टेक्ट डिटेल्स को नोट किया जाएगा और फिर कोविड-19 के टेस्टिंग प्रोटोकॉल के लिए संपर्क किया जाएगा। अगर प्रोटोकॉल के तहत आप टेस्टिंग के योग्य हैं तो फिर सिर्फ सरकार की तरफ से अधिकृत लैब में ही आपकी टेस्टिंग होगी।’