बीफ के शक में बीच सड़क पर मारे गए मुस्लिम शख्स के मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। उनमें से एक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का नेता है। 29 जून को रामगढ़ में भीड़ ने मीट व्यापारी अलीमुद्दीन अंसारी की जान ले ली थी।
इस मामले में शनिवार को पुलिस ने नित्यानंद महतो जो कि रामगढ़ में बीजेपी मीडिया सेल देखते हैं और छोटू राणा नाम के शख्स को पकड़ा है। छोटू को गऊ रक्षा समिति का सदस्य बताया जा रहा है। दोनों लोगों को उस वायरल वीडियो में देखा गया था जिसमें अंसारी की पिटाई को कैद किया गया था। पुलिस ने बताया कि महतो का दावा है कि वह प्रशासन के पहुंचने के बाद ही मौके पर पहुंचा था। पुलिस से महतो ने कहा है कि वह देखने गया था कि वहां क्या हुआ है।
इंडियन एक्सप्रेस ने बीजेपी के जिला अध्यक्ष शिव शंकर बनर्जी से बात करनी चाही लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो सके। वहीं मीडिया सेल के इंचार्ज वरुण सिंह ने कहा कि महतो उनके साथ ही काम करता है और उसका घर वहीं हैं जहां पर वह घटना घटी थी। वरुण ने कहा कि वीडियो में देखा जा सकता है कि मेहतो डीएसपी के पास खड़ा है। वरुण ने भी यही दावा किया कि महतो घटना के बाद वहां पहुंचा था। वरुण के मुताबिक, पुलिस ने महतो को जल्दबाजी या फिर हड़बड़ी में गिरफ्तार किया।
घटना के बाद बीजेपी युनिट ने एक मीटिंग भी रखी थी। उसमें बीजेपी जिला अध्यक्ष बनर्जी ने मार-पीट की घटना की निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि पुलिस को ‘निर्दोष’ लोगों को परेशान नहीं करना चाहिए।
क्या है मामला: अंसारी जो कि एक मीट व्यापारी थे उनको लगभग 10 लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकार मार डाला। उनकी वैन में मवेशी का मांस होने का शक था। घटना का एक वीडियो भी सामने आया था। पुलिस ने बाद में संतोष सिंह नाम के शख्स को मर्डर के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसके अलावा एक और शख्स को पकड़ा गया था।
जिला प्रशासन ने तनाव के मद्देनजर अतिरिक्त सुरक्षा बल को तैनात किया। बहरहाल, रामगढ़ में स्थिति सामान्य हो गई है। अब भी जिले के 33 संवदेनशील स्थानों पर सुरक्षा बल मौजूद हैं। रामगढ़ की घटना से कुछ दिन पहले गिरडीह जिले में भीड़ ने गोवध करने के संदेह में एक व्यक्ति पर हमला किया और उसे घायल कर दिया था।