वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि सरकार 2,000 रुपये के नोट पर प्रतिबंध लगाने पर विचार नहीं कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि 200 रुपये के नये नोट जारी करने के समय के बारे में रिजर्व बैंक निर्णय करेगा। सरकार ने केंद्रीय बैंक को 200 रुपये के नोट जारी करने को मंजूरी दे दी है। इस कदम का मकसद कम राशि की मुद्रा पर दबाव को कम करना है। जेटली ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘नोट की छपाई कब होगी, इस संदर्भ में पूरी प्रक्रिया के बारे में निर्णय रिजर्व बैंक करेगा।
अत: यह आरबीआई के लिये उपयुक्त होगा कि वह तारीख तथा नोट छपाई तथा उससे संबद्ध अन्य मामलों के बारे में जानकारी दे।’’ यह पूछे जाने पर कि सरकार 2,000 रुपये के नोट को धीरे धीरे चलन से हटाने पर विचार कर रही है, उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, ऐसी कोई चर्चा नहीं है।’’ पिछले साल नौ नवंबर को पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से हटाये जाने के बाद रिजर्व बैंक ने अतिरिक्त सुरक्षा विशेषताओं के साथ 2,000 रुपये और 500 रुपये के नये नोट पेश किये।
15 अगस्त के दिन पीएम मोदी ने लाल किले की प्रचीर से 71 वें स्वतंत्रता दिवस पर भाषण दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने बताया कि नोटबंदी के बाद 3 लाख करोड़ रुपये बैंकिंग सिस्टम में आ गए।
इसमें से जमा 1.75 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन शक के दायरे में है। इसके अलावा 2 लाख करोड़ रुपये का काला बैंक पहुंचा है। पीएम ने बताया कि सरकार ने तीन लाख शेल कंपनियों को पकड़ा है। इनमें पौने दो लाख कंपनियों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए जा चुके हैं। मोदी ने कहा, ‘आप कल्पना कर सकते हैं, एक ही पते पर 400-400 कंपनियां चल रही थीं।
यह पूरी तरह मिलीभगत का खेल हो रहा था। किसी ने इस ओर देखने की कोशिश नहीं की।’ पीएम के मुताबिक, ये सारी कंपनियां मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त थीं। पीएम ने कहा कि काले धन पर सरकार की मंशा भांपकर 1 अप्रैल से 15 अगस्त तक 56 लाख नए करदाता सिस्टम से जुड़ गए।
बेनामी संपत्ति को लेकर उन्होंने कहा कि 800 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति जब्त की जा चुकी है। उन्होंने कहा, पहले चमड़े का पैसा होता था, आज वह विलुप्त हो चुका है। आज के नोट भी वक्त के साथ बंद होंगे ही, इसलिए हमें जल्दी डिजिटल ट्रांजेक्शन को अपनाना होगा।