मुंबई- महाराष्ट्र एटीएस के एक निलंबित अफसर ने मालेगांव ब्लास्ट के मुख्य आरोपी रामजी कलसांगरा और संदीप डांगे को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस अफसर का दावा है कि ब्लास्ट मामले में मोस्ट वांटेड दोनों आरोपियों को महाराष्ट्र एटीएस ने आठ साल पहले ही मार गिराया था।
एक अंग्रेजी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में एटीएस के निलंबित इंस्पेक्टर मेहबूब मुजावर ने बताया कि रामजी कलसांगरा और संदीप डांगे अब जिंदा नहीं हैं। मुजावर अगस्त 2016 में सोलापुर के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में इस बात के प्रमाण दे चुके हैं कि ये दोनों एटीएस के हाथों मारे जा चुके हैं।
मुजावर ने दोनों की मौत से जुड़ी ज्यादा जानकारी शेयर करने से इनकार कर दिया। मुजावर ने इतना बताया कि 26 नवंबर 2008 को दोनों की मौत हो गई। इसी दिन रात में मुंबई में आतंकी हमला हुआ था।
संदीप डांगे और रामजी कलसांगरा की एटीएस, सीबीआई और एनआईए को मालेगांव ब्लास्ट के अलावा समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट में भी तलाश है। दोनों की गिरफ्तारी पर 10-10 लाख रुपए के इनाम का एलान भी किया गया था, लेकिन अब तक कोई उनके बारे में कोई सुराग हाथ नहीं लगा। उनके खिलाफ इंटरपोल का एक रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी है।
इंदौर कनेक्शन
मुख्य आरोपी संदीप डांगे इंदौर का रहने वाला है। मध्यप्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित इंदौर के जीएसआईटीएस कॉलेज से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाला संदीप बाद में आरएसएस से जुड़ गया था।
वहीं, रामजी मूलत: शाजापुर जिले का रहने वाला है। लेकिन काफी वर्षों से उसने इंदौर में मुकाम जमाया था। ब्लास्ट में रामजी का नाम आने के बाद उसके परिवार के सदस्य धीरे-धीरे शाजापुर लौट गए।
मालेगांव ब्लास्ट
उल्लेखनीय है कि सितंबर, 2008 में नासिक जिले के मालेगांव शहर में एक मोटरसाइकिल में रखे गए शक्तिशाली बम में विस्फोट हो गया था, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई थी और 80 अन्य घायल हो गए थे। [एजेंसी]