36.7 C
Indore
Tuesday, April 1, 2025

2020 मोदी सरकार के लिए चुनौतियां भरा साल

केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला वर्ष पूर्ण होने के पहले ही नया वर्ष आ चुका है। यह नया वर्ष मोदी सरकार के लिए कठिन चुनौतियों का पैमाना लेकर आया है। यूं तो सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले 7 महीने में ही ऐसे अनेक साहसिक कदम उठाए हैं ,जो उनके आत्मविश्वास से लबरेज होने का सबूत देते हैं ,परंतु नए वर्ष में जिन चुनौतियों से निपटना है, वह सरकार एवं राजग की मुखिया भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलों को बढ़ा सकते हैं। मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की सदियों पुरानी प्रथा से मुक्ति दिलाने, जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने एवं पाकिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में उत्पीड़न का शिकार बने अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता प्रदान करने वाले कानून बनाकर मोदी सरकार ने यह तो साबित कर दिया है कि कठोर फैसले लेकर इतिहास को बदलने की इच्छा शक्ति का उसके पास अभाव नहीं है ।

इस नए वर्ष में कई मुद्दों पर उसके इस साहस आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति की परीक्षा होना है। इस सरकार की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वह चुनौतियों से घबराती नहीं है और कभी अतिआत्मविश्वास की स्थिति का शिकार भी नहीं बनती है। इसलिए उससे यह उम्मीद तो अवश्य की जा सकती है कि वह नए साल में अपने सामने आने वाली हर कठिन चुनौतियों का डटकर मुकाबला करेगी और प्रतिकूल परिस्थितियों को अनुकूल बनाने में सफल भी होगी। केंद्र में सत्तारूढ़ राजग की मुखिया के रूप में भारतीय जनता पार्टी के पिछले 7 महीनों के दौरान संपन्न हुए महाराष्ट्र, हरियाणा एवं झारखंड विधानसभाओं के चुनावों में अपेक्षित सफलता नहीं मिली। हरियाणा में तो वह जननायक जनता पार्टी के साथ मिलकर सत्ता में वापस आने में सफल अवश्य हो गई है, परंतु अपने धुर विरोधी विपक्षी दल का समर्थन पाने के लिए उसे अपने सिद्धांतों से समझौता करना पड़ा। महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के खेल को समझने में भाजपा ने जो महाभूल कि उसमें उसकी प्रतिष्ठा ही दांव पर लग गई। मुख्यमंत्री बनने के लिए बेचैन देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाकर रातों रात जो सरकार बनाई थी, वह 80 घंटे में ही धराशाही हो गई। चुनावों में भाजपा के सहयोगी दल शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर जो सरकार बनाई है उसकी स्थिरता भले ही सुनिश्चित ना हो ,परंतु देवेंद्र फडणवीस ने शुरू में भाजपा की किरकिरी तो करा ही दी है।

झारखंड में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा अपने सहयोगी आजसु और लोकजनशक्ति पार्टी को अपने पास रखने में असफल रही। मुख्यमंत्री के रूप में रघुवर दास की गलतियों के कारण भी भाजपा सत्ता से बाहर हो गई। झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस एवं राष्ट्रीय जनता दल गठबंधन ने भाजपा से सत्ता छीन कर उसे निःशब्द कर दिया है। यहां के चुनाव नतीजों का असर इस साल होने वाले बिहार विधानसभा के चुनावों पर भी पड़ सकता है ,जहां जनता दल यूनाइटेड उसके सामने सीटों के बंटवारे को लेकर नई शर्ते पेश कर सकती है ,जिन्हें मानना भाजपा के लिए आसान नहीं होगा। गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों में भी भाजपा को अपनी शर्तें मानने के लिए जेडीयू अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विवश कर दिया था। नीतीश कुमार को नाराज कर पाना भाजपा के लिए संभव नहीं है। क्योंकि बिहार में नीतीश कुमार हमेशा से ही बड़े भाई की भूमिका में रहे हैं। भाजपा को जिस तरह महाराष्ट्र एवं झारखंड में सत्ता गंवानी पड़ी है, उसके बाद नीतीश कुमार की शर्तों में और इजाफा होगा। नीतीश कुमार वैसे भी केंद्रीय मंत्रीमण्डल में जदयू को मनचाहा प्रतिनिधित्व ना मिलने के कारण नाराज भी चल रहे हैं। अब देखना यह है कि भाजपा आगामी विधानसभा चुनावों में जदयू को किस तरह संतुष्ट कर पाती है।

इसी वर्ष दिल्ली विधानसभा के चुनाव भी संपन्न होने जा रहे हैं। गत विधानसभा चुनाव में 70 सदस्यीय सदन की मात्र 3 सीटें जीतने में सफल हुई भाजपा गत 27 वर्षों से दिल्ली की सत्ता से बाहर है। दिल्ली में गत 5 वर्षों में भाजपा ने केजरीवाल सरकार की गलतियों का लाभ उठाकर अपनी स्थिति में सुधार आवश्यक कर लिया है, परंतु मुख्यमंत्री केजरीवाल इन दिनों जिस तरह फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रहे हैं, उससे सरकार के प्रति जनता की नाराजगी कम हुई है। स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्रों में केजरीवाल सरकार ने जो फैसले किए हैं, उनका दिल्ली की जनता पर अनुकूल प्रभाव पड़ा है। भाजपा अभी यह दावा करने की स्थिति में नहीं है कि वह आम आदमी पार्टी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने में कामयाब हो जाएगी। दिल्ली में 5 साल पहले जैसी केजरीवाल की आंधी भले ना चल रही हो परंतु हवा का रुख तो आम आदमी पार्टी के पक्ष में ही दिखाई दे रहा है। केंद्र में मोदी सरकार के 7 महीने पूर्व सत्ता संभालने के बाद जो फैसले लिए थे उनके आधार पर महाराष्ट्र ,हरियाणा एवं झारखंड विधानसभाओं के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी मतदाताओं का समर्थन पाने में जिस तरह असफल की है, वह इस हकीकत को ही उजागर करती है कि राज्यों के चुनावों में राज्य की जनता से जुड़े मुद्दे ही हार जीत का फैसला करते हैं। भाजपा एवं मोदी सरकार को अब आगामी विधानसभा चुनावों में इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा की दिल्ली भी इसका अपवाद नहीं रह सकती है। भारतीय जनता पार्टी को नए वर्ष में यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके फैसलों से बिखरा हुआ विपक्ष एकजुट होकर उसके लिए बड़ी चुनौती ना बन सके।

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विपक्ष ने सारे देश में जो भ्रम फैलाने का अभियान चलाया हुआ है, उसे विफ़ल साबित करने के लिए सरकार को जागरूकता अभियान चलाना होगा। इस कानून से विरोधियों को अनजाने में ही एक ऐसा मुद्दा मिल गया है, जो उसे एकजुट करने में मददगार साबित हो रहा है। बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस मुद्दे को जीवित रखने में कोई कसर बाकी नहीं रखेगी। मोदी सरकार को इस कानून को सभी राज्यों में एक समान रूप से लागू करने के लिए कारगर रणनीति बनानी होगी। गृह मंत्री अपने भाषणों में हमेशा 2024 तक सारे देश में एनआरसी लागू करने का संकल्प दोहराते हैं। इधर राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर तैयार करने की योजना को विरोधी दल एनआरसी की दिशा में पहला कदम बताने से नहीं चूक रहे हैं। विपक्ष को एकजुट होने के लिए यह कदम सफल साबित ना हो सके ,यह मोदी सरकार को तय करना है। मोदी सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती राजनैतिक मोर्चे पर यह है कि वह भाजपा शासित राज्यों में अपनी सत्ता को कैसे बरकरार रखें।

मोदी सरकार को आर्थिक मोर्चे पर पिछले साल से ही कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार पर यह आरोप लग रहे हैं कि वह आर्थिक सुस्ती को आर्थिक मंदी के में बदलने से नहीं रोक पाई है। हालांकि रिजर्व बैंक के गवर्नर शशिकांत दास कहते हैं कि रिजर्व बैंक को आर्थिक सुस्ती के संकेत पहले ही मिल गए थे ,इसलिए उसने समय रहते ही जरूरी कदम उठा लिए है। रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का सिलसिला पिछले साल फरवरी से ही शुरू कर दिया था। शशिकांत दास ने कहा कि रिजर्व बैंक आर्थिक सुस्ती, महंगाई में बढ़ोतरी एवं बैंकों एवं गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की माली हालत सुधारने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उद्योग जगत से कहा है कि सरकार ने पिछले 5 सालों में आर्थिक मोर्चे पर जो भी फैसले किए हैं ,वे उद्योग जगत की पूंजी को सुरक्षित रखने में सहायक सिद्ध होंगे। इसलिए निवेश करने में जरा भी चिंतित होने की जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि सरकार ने पुरानी कमजोरियों पर काबू पा लिया है। आर्थिक व्यवस्था में पहले भी उतार-चढ़ाव आते हैं और हर हर बार की तरह इस बार भी देश उनसे मजबूत होकर निकलेगा। प्रधानमंत्री ने उद्योग जगत के सामने यह विश्वास व्यक्त किया है कि बैंकिंग प्रणाली की पारदर्शिता और उसकी मजबूत नींव को देखते हुए 5 मिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य असंभव नहीं है। मोदी सरकार बार-बार यह भरोसा दिला रही है कि अर्थव्यवस्था की सुस्ती के मंदी में बदलने की कोई आशंका नहीं है, क्योंकि समय रहते ही स्थिति को भापकर सरकार ने सभी आवश्यक कदम उठा लिए हैं, परंतु अभी तक तों सरकार को ऐसा निश्चितता का माहौल बनना बनाने में आंशिक सफलता ही मिली है। नए साल में मोदी सरकार को ऐसे कदम उठाने होंगे, जिनसे अर्थव्यवस्था की यह सुस्ती पूरी तरह दूर हो सके।

देश मे महिला हिंसा को रोकने की दिशा में भी उचित कदम उठाने होंगे। दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा सुनाई जाती है ,वह किस तरह कानून की खामोशियों की आड़ में बचते रहे है, उस पर भी सरकार को गंभीरता से विचार करना होगा। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति भी इस मामले में चिंता व्यक्त कर चुके है।निर्भया मामले में यही हुआ है। सरकार से दया याचिकाओं की शीघ्र निपटारे के लिए इस साल कानून में बदलाव की अपेक्षा की जा रही है। देश में बेरोजगारी की बढ़ती दर मोदी सरकार के पहले कार्यकाल से ही चिंता का कारण बनी हुई है। सरकार ने इसीलिए स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने हेतु आकर्षक योजनाएं प्रारंभ की है, लेकिन केवल इससे सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती है। रोजगार की उपलब्धता पिछले 45 सालों में सबसे निचले स्तर पर है। यह समस्या मोदी सरकार की स्वर्णिम सफलताओं की चमक को फीका कर रही है। युवाओं का दिल जीतने के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन सबसे प्रमुख शर्त है। अतः नववर्ष में बेरोजगारी को दूर करने के प्रयासों में और तेजी लाने की आवश्यकता है। नया साल हमेशा नई चुनौतियां लेकर आता है। मोदी सरकार ने पहले कार्यकाल से ही चुनौतियों का डटकर सामना करने की इच्छाशक्ति का परिचय दिया है । दूसरे कार्यकाल के शुरुआती महीने में अपनी इस इच्छा शक्ति के बल पर जो साहसिक फैसले किए हैं, वह उम्मीद बनाते हैं यह कि सरकार नए साल में आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक मोर्चे पर कई साहसिक कदम उठाएगी।

राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में मोदी सरकार की सजगता की भूमिका की सराहना की जानी चाहिए कि तमाम बाधाओं को दूर करते हुए इस राफेल के सौदे को अमलीजामा पहनाने में सक्रियता दिखाई है। कांग्रेस सरकार ने वर्षों तक इस सौदे को लटकाए रखा और जब मोदी सरकार ने इसे आगे बढ़ने की ठानी ,तब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर ऐसे मिथ्या आरोप लगाए ,जिसके लिए उन्हें बाद में माफी मांगने पड़ी। राष्ट्र की सुरक्षा को हमेशा सर्वोपरि मानने वाली मोदी सरकार ने इस साल के अंत में भारतीय सेना के तीनों अंगों में बेहतर तालमेल कायम करने की मंशा से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद पर थलसेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति कर ऐसा कदम उठाया ,जो 20 वर्षों से अपेक्षित था। कुल मिलाकर त्वरित निर्णय लेने की इच्छशक्ति के कारण ही मोदी सरकार को केंद्र में दूसरी बार सत्ता पर काबिज होने का हकदार बनाया और केंद्र की सत्ता में शानदार बहुमत के साथ वापसी करने के बाद अल्पकाल में ही मोदी सरकार ने लगातार सारे फैसले लेकर यह संदेश दे दिया कि उसकी दृढ़ इच्छा शक्ति के आगे कठिन से कठिन चुनौतियां भी कोई मायने नहीं रखती है।
:-कृष्णमोहन झा
( लेखक WDS के राष्ट्रीय अध्यक्ष और IFWJ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है )

 

Related Articles

7Slots Hosgeldin Bonusu: Eglence Dolu Kazanç Firsati

Birine sürpriz bir hediye vermek muhataplarini mutlu etmenin en esas yaklasimlarindan bir tanesidir. Türü ayirt edilmeksizin mevzubahis hediye endorfin seviyelerini hizla yukari çeker....

Поиграть в лучших интернет игорных заведениях с бонусами на средства

Изначальные онлайн казино стартовали много лет назад — несколько десятилетий назад. В 1994 году времени корпорация Microgaming выпустила первоначальную цифровую игровой автомат, которая имитировала...

Обход фильтров онлайн игорного заведения с плюшками.

Гемблинг ресурсы заблокированы интернет-провайдерами по приказу властей. Данное решение обусловлено суровым правилами в отрасли азартных игр. Подвергаются блокировку попадают в том числе виртуальные казино...

Обзор утвержденного портала виртуального казино с бонусами

Престижная площадка казино 7К предлагает множество слотов от международных провайдеров. Игровые автоматы 777, табличные и игральные игры, аварийные игры с мгновенными вознаграждениями, настоящие дилеры,...

Рассмотрение официального веб-сайта интернет-казино с вознаграждениями

Игровая платформа игровые автоматы 7К предлагает игры на любой вкус. Игровые автоматы многочисленных категорий, настоящие крупье и игровые площадки – доступна широкая подборка программного...

Основной портал онлайн-казино: достоинства и бонусы

Виртуальное казино Maxbet casino — популярная платформа, которая даёт посетителям опцию играть в азартные игры, используя различные устройства, в любом месте, где есть интернет-соединение....

Мгновенная регистрация в виртуальном казино с привилегиями.

Вознаграждения в гемблинговом клубе разработаны для заманивания новых и вознаграждения постоянных посетителей. Для того чтобы в полной мере воспользоваться бенефитами программы вознаграждений, необходимо пройти...

Lisanslı bir sanal kumarhanesinin bonuslar ile avantajları.

İzin; Kumar platformunun en önemli faktörlerinden biri olan iyi niyet ve güvenilirlik. Çevrimiçi kumar kuruluşu ödülleri varsa lisansı, promosyonları sürekli düzenlenir ve ödül miktarları...

Sanal kumarhane promosyonlar eğlen güncellenmiş yedek bağlantı 7 slots

Çevrimiçi platform 7 slots, çeşitli eyalet kullanıcıları arasında talep gören çok sayıda ülke sezgisel tasarım, kapsamlı şans oyunları seçimi, adil oyun koşulları ve adil...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
138,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

7Slots Hosgeldin Bonusu: Eglence Dolu Kazanç Firsati

Birine sürpriz bir hediye vermek muhataplarini mutlu etmenin en esas yaklasimlarindan bir tanesidir. Türü ayirt edilmeksizin mevzubahis hediye endorfin seviyelerini hizla yukari çeker....

Поиграть в лучших интернет игорных заведениях с бонусами на средства

Изначальные онлайн казино стартовали много лет назад — несколько десятилетий назад. В 1994 году времени корпорация Microgaming выпустила первоначальную цифровую игровой автомат, которая имитировала...

Обход фильтров онлайн игорного заведения с плюшками.

Гемблинг ресурсы заблокированы интернет-провайдерами по приказу властей. Данное решение обусловлено суровым правилами в отрасли азартных игр. Подвергаются блокировку попадают в том числе виртуальные казино...

Обзор утвержденного портала виртуального казино с бонусами

Престижная площадка казино 7К предлагает множество слотов от международных провайдеров. Игровые автоматы 777, табличные и игральные игры, аварийные игры с мгновенными вознаграждениями, настоящие дилеры,...

Рассмотрение официального веб-сайта интернет-казино с вознаграждениями

Игровая платформа игровые автоматы 7К предлагает игры на любой вкус. Игровые автоматы многочисленных категорий, настоящие крупье и игровые площадки – доступна широкая подборка программного...