पटना- दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भाग लेने गए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए रविवार को कहा कि बिहार में जब शराब की दुकानें बंद होंगी तो उनमें चाहें तो दुकानदार दूध बेच सकते हैं। इन दुकानों में वे सुधा डेयरी के बूथ खोल सकते हैं।
उन्होंने कहा कि शराबबंदी लागू होने पर करीब छह हजार शराब की दुकानें बंद हो जाएंगी। इनके पास यह विकल्प रहेगा कि वे चाहें तो बिहार स्टेट कोपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड द्वारा संचालित सुधा के उत्पाद बेच सकते हैं। इससे न केवल राज्य सरकार द्वारा संचालित इस फेडरेशन की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी बल्कि इन शराब की दुकानों में काम करने वालों को फिर से रोजगार भी मिल सकेगा।
उन्होंने कहा कि वह बिहार में शराबबंदी के अपने फैसले पर पूरी तरह कायम हैं। यह हमारा राज्य की लाखों महिलाओं से किया हुआ कमिटमेंट है। यह आशंका है कि शराब की दुकानों पर काम करने वाले बेरोजगार हो जाएंगे। इसलिए हमारी सरकार उन्हें सुधा के उत्पाद बेचने का विकल्प देगी। चूंकि ये सारी दुकानें प्रमुख स्थलों पर हैं तो इनमें सुधा बूथ के संचालन में दिक्कत भी नहीं होगी।
उन्होंने शराब के अवैध कारोबार बढ़ जाने की आशंका को खारिज करते हुए कहा कि किसी भी अच्छे प्रयास को इस प्रकार के डर के कारण नहीं रोकना चाहिए। हमारी सरकार शराबबंदी से होने वाले प्रभावों से निपटने के लिए हर उपाय पर विचार कर रही है।
शराबबंदी को प्रभावी बनाने की जिलाधिकारी एवं आरक्षी अधीक्षक की संयुक्त जिम्मेदारी होगी और उन्हें इस काम में हजारों स्वयं सहायता समूह मदद करेंगे। हमारी सरकार नशे की लत छुड़ाने की लिए नशा मुक्ति केंद्र भी खोलेगी। उन्होंने स्वीकार किया कि शराबबंदी से राज्य को 3000-3500 करोड़ के राजस्व का नुकसान होगा।