मुंबई [ TNN ] दक्षिण गुजरात और मुंबई में इन दिनों रेड सैंड बोआ की तस्करी धड़ल्ले से हो रही है। आम बोल चाल में इसे दोमुंहा सांप भी कहते हैं। हाल ही में नवी मुंबई पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर चार रेड सैंड बोआ बरामद किया, जिनकी बाजार में कीमत पांच करोड़ रुपये से भी ज्यादा है।
पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि कुछ लोग बोआ का सौदा करने आ रहे हैं, उसने जाल बिछाया और खारघर के पास तीन संदिग्धों को पूछताछ के लिए उनके बैग की तलाशी लेने पर उसमें चार रेड सैंड बोआ मिले।
पकड़े गए आरोपियों के नाम हैं – फिरोज रसूल खान, रोहित ओम प्रकाश मिश्रा और अनिल किशोर जाधव। पुलिस के मुताबिक ऐसी आशंका है कि इन लोगों के तार किसी इंटरनेशन रैकेट से जुड़े हों। इस बारे में जांच चल रही है।
जानकार बताते हैं कि बोआ का बसेरा सबसे सबसे ज्यादा गुजरात में है। ये गुजरात के सूरत, तापी, वलसाड और वापी के अलावा दादर और नागर हवेली में पाए जाते हैं। इसके अलावा मटमैले रंगों वाला इस सांप का महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश की सीमा, तमिलनाडु और उत्तर-पूर्वी इलाकों के मैदानी और दलदली भागों में भी बसेरा है।
कहा जाता है कि बोआ जितना मोटा होगा, उसकी कीमत भी उतनी ज्यादा होगी। पुलिस के मुताबिक बेहद दुर्लभ हो चुके ये सांप तस्करों की दुनिया में वजन के हिसाब से बिकने लगे हैं और बकायादा इनका रेट कॉर्ड भी है। 250 ग्राम का बोआ 2-5 लाख रुपया में, जबकि 500 ग्राम का 8-10 लाख रुपये में बिकता है। एक किलो के बोआ की कीमत एक करोड़ रुपये तक हो सकती है, जबकि दो किलो का बोआ 3-5 करोड़ रुपये में बिकता है।
शायद यही वजह है कि रेट कॉर्ड के चक्कर में इन बेजुबानों का वजन इंजेक्शन देकर बढ़ाया जाता है। दरअसल बोआ के तस्कर इससे जुड़ी मान्यताओं को भी भुनाते हैं। अगर घर के आसपास बोआ दिख गया, तो देश के कई इलाकों में इसे शुभ संकेत माना जाता है। दक्षिण के कई राज्यों में इसे मटके में रखा जाता है और माना जाता है कि इससे धन की प्राप्ति होती है। मान्यता घर की तरक्की से जुड़ी है, इसलिए जहरीला नहीं होने से लोग इसे पालने से डरते नहीं।
इतना ही नहीं अगर इसे पाला, तो आमदनी का एक और जरिया भी खुलता है। पूजा के लिए लोग इसे किराये पर भी लगाते हैं और पैसे घंटे के हिसाब से मिलते हैं। उधर, ऐसे मामले भी कम नहीं, जब इस दोमुंहे की आहुति दी जाती है और ये मान्यता जुड़ी है काला जादू से। एक जानकारी के मुताबिक दक्षिण एशियाई देशों में इससे ताकत की गोलियां भी बनाई जाती हैं। कुछ नई दवाओं के रिसर्च में भी इसे आजमाया जा रहा है।