7 वां वेतन आयोग नया वेतन कोड: 11 अप्रैल, 2021 से आपकी ग्रेच्युटी, पीएफ और काम के घंटे बदल सकते हैं। कर्मचारियों की ग्रेच्युटी और भविष्य निधि (पीएफ) में वृद्धि हो सकती है। वहीं, हाथ में आने वाला पैसा यानी टेक होम सैलरी कम हो जाएगी। कंपनियों की बैलेंस शीट पर भी असर पड़ेगा। इसका कारण है पिछले साल संसद में पारित तीन वेतन संहिता विधेयक (वेज बिल कोड)। इस साल 1 अप्रैल को इस बिल के प्रभावी होने की उम्मीद है।
नए कानून में अधिकतम काम के घंटे बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव है। OSH कोड के ड्राफ्ट नियम में कहा गया है कि यदि कोई कर्मचारी 15 से 30 मिनट ओवरटाइम करता है तो उसका कुल ओवरटाइम 30 मिनट गिना जाए। वर्तमान में लागू नियमों के तहत, 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम नहीं माना जाता है। नया कानून किसी भी कर्मचारी को 5 घंटे से अधिक समय तक लगातार काम करने से रोकते हैं। इन नियमों में कर्मचारियों को हर पांच घंटे में आधे घंटे का आराम देने के निर्देश शामिल हैं।
जानिए नए कानून के अन्य जरूरी बदलावों के बारे में
ग्रेच्युटी और पीएफ योगदान में वृद्धि से सेवानिवृत्ति के बाद प्राप्त होने वाली राशि बढ़ जाएगी। इससे लोगों को सेवानिवृत्ति के बाद आरामदायक जीवन जीने में आसानी होगी। बड़े सैलरी पैकेज वाले अधिकारियों की वेतन संरचना सबसे ज्यादा जाएगी। पीएफ और ग्रेच्युटी बढ़ने से कंपनियों की लागत भी बढ़ेगी। क्योंकि कर्मचारियों के लिए भी उन्हें पीएफ में अधिक योगदान देना होगा।
नए नियमों के अनुसार, कर्मचारी का मूल वेतन उसके कुल वेतन का 50% या अधिक होना चाहिए। नया कानून अधिकांश कर्मचारियों के वेतन ढांचे को बदल देगा, क्योंकि वेतन का गैर-भत्ता भाग आमतौर पर कुल वेतन का 50 प्रतिशत से कम होता है। साथ ही कुल वेतन में भत्ते का हिस्सा और भी अधिक हो जाता है। मूल वेतन में वृद्धि से कर्मचारियों का पीएफ बढ़ेगा। कारण- पीएफ बेसिक सैलरी पर आधारित है। मूल वेतन में वृद्धि से पीएफ में वृद्धि होगी, जिसका अर्थ है कि हर महीने खाते में जमा होने वाली राशि घट जाएगी।