अजमेर – विश्व विख्यात सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 803वें सालाना उर्स की छठी के मौके पर कुल की रस्म रविवार को सम्पन्न हुई। कुल की रस्म में करीब ढाई लाख ख्वाजा साहब के अकीदतमंदों ने शिरकत की। कुल के छीटें देने के साथ ही जायरीन का अजमेर से तेजी से लौटना शुरू हो गया है। कुल की रस्म में शामिल होने के लिए शनिवार रात से रविवार सुबह तक अजमेर में जायरीन की संख्या तेजी से बढी। कुल की रस्म की अदायगी के बाद काफी बडी तादाद में जायरीन का अजमेर से लौटना शुरू हो गया। कायड और ट्रांसपोर्ट नगर विश्राम स्थली से जायरीन के वाहन भी सायंकाल से तेजी से जाना शुरू हो गये।
इससे पूर्व दरगाह के महफिलखाने में उर्स की आखिरी महफिल दरगाह दीवान सज्जादानशीन जैनुएल आबेदीन की सदारत में सम्पन्न हुई, जिसमें शाही कब्बाल असरार हुसैन एण्ड पार्टी ने सूफियाना कलाम ‘हर तरफ रंगे चिश्ती है फैला, सारे वलियों की महफिल सजी है, मांगना जो है वो मांग लो तुम, आज ख्वाजा पिया की छठी है’ पेश किया जिसे सुनकर अकीदतमंद झूमने को मजबूर हो गए। महफिल के बाद सज्जादा नशीन जन्नती दरवाजा होते हुए गुम्बद शरीफ पहुंचे और आस्ताने शरीफ में कुल की रस्म अदा करने के बाद मुल्क में अमनो-अमान व आपसी भाईचारे की दुआ मांगी गई। खुद्दाम ख्वाजा साहब द्बारा दरगाह दीवान की दस्तारबंदी की गई उसके बाद खादिमों ने एक दूसरे के दस्तारबंदी कर छठी शरीफ की मुबारकबाद दी। इसके साथ ही कुल की रस्म सम्पन्न हुई।
जायरीनों द्बारा कुल की रस्म के दौरान बेगमी दालान सहित गुम्बद शरीफ के चारों ओर केवडे का जल छिडक कर उसे रूमाल के माध्यम से वापस इकट्ठा कर बर्तनों में अपने घर ले गये। दरगाह व आस-पास के मेला क्षेत्र तथा दोनों विश्राम स्थलियों पर जायरीन के लिए किये गये विशेष इंतजामों से देश के कौन-कौने और बाहर से आये जायरीन प्रसन्न नजर आ रहे थे।
बंद हुआ जन्नती दरवाजा :
चांदरात की रात से खोला गया जन्नती दरवाजा कुल की रस्म के बाद फिर से बन्द कर दिया गया। अब यह जन्नती दरवाजा ईद के दिन व ख्वाजा साहब के पीरोमुर्शिद हजरत ख्वाजा उस्माने हारुनी (र.अ.) के उर्स के मौके पर 5 तारीख को खोला जाएगा।
अंजुमन ने पेश की चादर :
अंजुमन सैयद जादगान कमेटी के पदाधिकारियों ने छोटे कुल की रस्म के अवसर पर ख्वाजा गरीब नवाज की मजार पर मखमली चादर व अकीदत के फूल पेश कर देश में अमन चैन व खुशहाली एवं साम्प्रदायिक सौहार्द्र की दुआ की। अंजुमन कार्यालय से कव्वाली के साथ आस्ताना शरीफ तक चादर का जुलूस निकाला गया। चादर पेश करने के दौरान अंजुमन कमेटी सदर हाजी सैयद हिसामुद्दीन नियाजी व सचिव हाजी सैयद वाहिद हुसैन आदि कमेटी पदाधिकारी शामिल रहे।
जायरीन को लंगर तकसीम :
गरीब नवाज सेवा समिति की ओर से अकबरी मस्जिद पर जायरीन को लंगर तकसीम किया गया। खादिम कुतबुद्दीन सकी ने बताया कि छोटे कुल की रस्म के मौके पर बडा लंगर तकसीम किया गया। लंगर पाने के लिए जायरीन में होड सी मच गई। समिति के समस्त कार्यकर्ता लंगर तकसीम करने में जुटे रहे।
बडे कुल की रस्म 29 को :
ख्वाजा गरीब नवाज के 803 वें उर्स की बडे कुल की रस्म 29 अप्रेल को होगी। बडे कुल की रस्म निभाने के साथ ही जायरीन तेजी से लौटने लग जाएंगे। जायरीन बडे कुल की रस्म निभाने के बाद ही पूरी तरह से लौटते हैं।
रिपोर्ट – सुमित कलसी