विस्तारकों के जरिए हारी हुई सीटों को फतह करने की तैयारी में भाजपा, नड्डा ने दिया जीत का मंत्र
बीजेपी ने तेलंगाना के सभी 119 विधानसभा सीटों पर विस्तार को की नियुक्ति कर दी है और आने वाले दिनों में अन्य राज्यों के विधानसभा सीटों पर भी इनकी नियुक्ति की जाएगी.
विस्तारकों को बहाल करने की योजना बीजेपी बना रही है.
बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में ” विस्तारक ” को प्रभावी बना करके चुनावी समर जीतने की तैयारी कर रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी अगले कुछ दिनों में इस साल होने वाले सभी विधानसभा चुनावों में कमजोर सीटों पर या फिर ऐसी सीटें जहां पर बीजेपी को कड़ी चुनौती मिल सकती है विस्तारक की बड़ी फौज तैनात करने जा रही है. लोकसभा और वर्ष 2023 में होने वाले 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए करीब 3 से 4 हजार विस्तारकों को बहाल करने की योजना बीजेपी बना रही है.
बीजेपी ने सबसे पहले अपने देश भर के 160 कमजोर लोकसभा सीटों पर विस्तारको की नियुक्ति की और उन्हें पार्टी को वहां मजबूत करने की जिम्मेदारी दी है. विस्तारकों के कामकाज से प्रभावित होकर के बीजेपी अब आगामी राज्यों के विधानसभा चुनावों में ऐसे विधानसभा सीट जहां पर बीजेपी कमजोर है या फिर कड़ी चुनौती मिल सकती है वहां पर विस्तार को की नियुक्ति करने जा रही है. गौरतलब है कि बीजेपी ने तेलंगाना के सभी 119 विधानसभा सीटों पर विस्तार को की नियुक्ति कर दी है और आने वाले दिनों में अन्य राज्यों के विधानसभा सीटों पर भी इनकी नियुक्ति की जाएगी.
हाल ही में जीत की दृष्टि से कमजोर 160 लोकसभा सीटों के के लिए बहाल 100 विस्तारकों का स्पेशल ट्रेनिंग पटना में 21 और 22 दिसंबर को आयोजित किया गया था जबकि दक्षिण भारत के 60 विस्तारकों को विशेष ट्रेनिंग 28 और 29 दिसंबर पार्टी के प्रमुख नेताओं ने दी थी, जिसमें बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एड्रेस किया था.
विस्तारक ऐसे करेंगे काम
ज्यादातर विस्तारकों को अपने गृह राज्य में ही नियुक्त किया जा रहा है बस इस बात का ख्याल रखा जा रहा है कि जिस लोकसभा या विधानसभा में उनकी तैनाती हो रही है वो उसी लोकसभा/विधानसभा के रहने वाले ना हों. ये विस्तारक पूर्ण कालिक होंगे और लोकसभा चुनाव तक यानी अगले 15 महीने तक लगातार काम करेंगे. विस्तारको का काम पार्टी और संगठन को जमीनी स्तर तक मजबूत करना होगा. इसके लिए वे बूथ स्तर के साथ-साथ शक्ति केंद्रों पर भी विभिन्न कामकाज और पार्टी की गतिविधियों को आयोजित करेंगे.
नए लोगों को पार्टी में जोड़ने की होगी जिम्मेदारी
अपने अपने दिए गए क्षेत्रों में पार्टी से नए नए लोगों को जोड़ना, वहां के बुद्धिजीवी वर्ग को जोड़ना, लोकल लेवल पर पार्टी नेताओं के किसी भी विवाद को निपटारा करना, लोकल सोशल मीडिया इनफ्लूअंसर और लोकल मीडिया के साथ संवाद बनाए रखना, पार्टी का डिजिटल फुट प्रिंट बढ़ाना जैसे प्रमुख काम इनको रोज रोज देखना है. इसके साथ ही दिए गए इलाके के लिए पार्टी के बेहतरीन उम्मीदवार का सुझाव भी ये विस्तारक देंगे.
जिला अध्यक्षों के साथ मिलकर करना होगा काम
विस्तारक जिला अध्यक्षों के साथ मिलकर के कामकाज करेंगे और उनकी रिपोर्टिंग पार्टी के राज्य स्तर के संगठन को होगी. जरूरत पड़ने पर केंद्रीय संगठन विस्तारको के साथ सीधे संवाद स्थापित करके रिपोर्ट ले सकता है या फिर उन्हें पार्टी कार्यों के लिए दिशा निर्देश दे सकता है. ये विस्तारक अपने क्षेत्र के क्लस्टर इंचार्ज (जो केंद्र सरकार के मंत्री बनाए गए हैं) को भी नियमित और रोजमर्रा की रिपोर्ट देते रहेंगे।इन विस्तारको को चुनावी राज्यों में नियुक्त किया जाएगा और उनका कामकाज मुख्यतः चुनाव तक ही सीमित होगा.