लखनऊ – यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री आजम खान ने उन्नाव में गंगा नदी में मिले शव पर कहा है कि सुनने में आया है कि शव साक्षी महाराज ने ट्रक से लाकर गंगा में डलवाए हैं, ताकि प्रदेश सरकार की छवि खराब हो। साथ ही प्रवीण तोगड़िया के राम मंदिर बनने पर उत्सव के बयान पर कहा कि उनके संस्कार देश जानता है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को कोर्ट से सड़क जाम करने, थाने का घेराव करने और सात क्रिमनल लॉ एक्ट में दोषी मानते हुए एक साल की सजा सुनाए जाने पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान ने इस्तीफे की मांग की है। आजम ने मक्का मिल कोठी खाली करने की भी मांग की है।
गुरुवार को आवास पर पत्रकारों से बातचीत में आजम खान ने कहा कि आज सवाल सिर्फ मोदी की राजनीतिक स्वच्छता का है। वो क्या एक ऐसे मंत्री जिसे सात क्रिमनल लॉ एमेंडमेंट एक्ट के तहत सजा हुई हो, जो उसे अपनी कैबिनेट में रखेंगे। अगर रखेंगे तो उस संदेश का क्या होगा जो उन्होंने पूरे देश को दिया था। इस एक्ट में सजा आमतौर पर क्रिमिनल्स को ही होती है। उन्हें उसी वक्त सरकार में लिया जाए जब वह अपराध मुक्त हो जाएं। हम समझते थे कि नकवी अपनी अखलाकी जिम्मेदारी मानते हुए इस्तीफा दे देंगे।
आजम खान ने मक्का मिल स्थित कोठी को भी खाली करने की बात कहते हुए कहा कि नकवी का रामपुर से कोई रिश्ता नहीं है, वह कोठी खाली करें। नकवी बताएं कि उनका रामपुर की कोठियों से क्या रिश्ता है।
भाजपा ने आजम खां उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्नाव में मिले शवों को सांसद साक्षी महाराज ने फेंका है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन को दाऊद और आतंकवादियों के पैसे से मनाने वाले आजम खान की स्थिति प्रदेश के लोगों के बीच हास्यास्पद और अप्रासंगिक हो गई हैं।
उन्होंने कहा कि मामला बढ़ने पर एक तरफ मुख्यमंत्री ने शवों के मिलने की घटना पर जांच का आदेश दिया है। वहीं उनके मंत्रिमंडल के कद्दावर मंत्री अनाप-शनाप बोलकर शवों का माखौल उड़ा रहे है। सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि वह आजम के बयान से सहमत है कि नहीं? यदि सहमत नहीं है तो मुख्यमंत्री को अनाप-शनाप बोलने वाले मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए।
उन्नाव में गंगा के परियर घाट पर मंगलवार को 104 से अधिक लाशें मिली थीं। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने जेसीबी बुलाकर शवों को दफनाने की कोशिश की तो भाजपाइयों ने बखेड़ा कर दिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी के विरोध के बाद दफनाने का काम रोक दिया गया था।
बुधवार सुबह आसपास की नगर पंचायतों से सफाईकर्मी और जेसीबी बुलाई गई। घाट जाने वाले मार्ग पर बैरिकेडिंग कर दी गई। शवों को बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू हुई। सफाईकर्मियों ने सड़े- गले शवों को निकालने के इनकार कर दिया। इस बीच डीएम सौम्या अग्रवाल, सीडीओ नेहा शर्मा, एडीएम शिवेंद्र सिंह, एएसपी रामकिशुन यादव सहित सभी आला अफसर कई थानों की फोर्स और भारी संख्या में पीएसी के साथ घाट पर पहुंचे।
गंगा में बहती मिली लाशों का बुधवार को डीएनए टेस्ट के लिए सेंपल लिया गया। घाट पर ही मृतकों की आत्मा की शांति के लिए हवन हुआ। इसके बाद सभी शवों को दफन कर दिया गया। इस दौरान कई थानों की फोर्स और भारी संख्या में पीएसी के साथ जिलाधिकारी, सीडीओ, एडीएम समेत पूरा अमला मौके पर जुटा रहा। भाजपाइयों ने विरोध करने की कोशिश की, लेकिन फोर्स के फटकारने के बाद पैर पीछे खींच लिए।