परतावल – मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (एमआईएम) ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में उतरने का ऐलान कर दिया। गुस्र्वार को क्षेत्र के यूपी में परतावल के कोटवा स्थित खेल मैदान में आयोजित पहली जनसभा में पार्टी के मुख्य अतिथि और चारमीनार हैदराबाद के विधायक सैय्यद अहमद पासा कादरी ने कहा कि आज भारत में मुसलमानों को दलितों से भी नीच समझा जाता है। यही हालात रहे तो मुसलमानों को आने वाले दिनों में और भी बुरा हाल होगा। लिहाजा यूपी के मुसलमान एक हो जाएं और आगामी चुनाव में अपने भाई को वोट दीजिए।
उन्होंने कहा कि आपने सपा, बसपा, कांग्रेस व भाजपा को देख लिया। सभी दलों ने मुसलमानों के साथ छल किया है। क्योंकि जहां भी मुसलमान भाई रहता है वफादारी के साथ कार्य करता है। देश के लिए सबसे पहले मुसलमानों ने वफादारी की। लाल किला मुसलमान ने बनवाया, ताजमहल भी मुसलमान ने ही बनवाया। हमारे वफादारी का सबूत है कि हमें मरने के बाद भी दो गज जमीन मिलती है।
कादरी ने कहा कि यूपी सरकार का एक मंत्री अपने आपको मुसलमानों का मसीहा कहते हैं, लेकिन यूपी में उनके कार्यकाल में जितने दंगा फंसाद हुए बेगुनाह मुसलमान ही मारे गए। पुलिस ने उनके घर को लूटा, लेकिन मुसलमानों के हमदर्द इस मंत्री ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के लिए हम गर्दन कटवाने को तैयार हैं। उन्होंने अपनी उंगली तक नहीं कटवाई।
विशिष्ट अतिथि हैदराबाद के पूर्व चेयरमैन माजिद हुसैन ने कहा कि सोने की चिड़िया कहा जाने वाले भारत का दुर्भाग्य है कि चाय बेचने वाला देश का प्रधानमंत्री है और झाड़ू बेचने वाला दिल्ली का मुख्यमंत्री है। ऐसे में भारत का विकास कैसे होगा।
उन्होंने कहा कि यूपी की अखिलेश सरकार पहले मुसलमान युवाओं को बम ब्लास्ट में फंसाती है, फिर जांच कराती है और बाइज्जत रिहा कराकर उन्हें मुआवजा देकर अपने को मुसलमानों का हमदर्द बनाती है, लेकिन युवा मुसलमानों का भविष्य खराब कर देती है।
उन्होंने कहा कि आज मुसलमान युवाओं को स्वास्थ्य, शिक्षा का अधिकार दिलाने की लड़ाई एमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी लड़ रहे हैं।