खंडवा – किस्मत के सितारे बुलंदी पर हो तो हालात बदलते देर नहीं लगती । कभी रेल की बोगियों में भीख मांगकर अपना और अपने परिवार का पेट पलने वाला शेरू आज ऑस्ट्रॉलिया का युवा बिसनेसमेंन बन गया । शेरू से सारू ब्रायली बनने के 27 साल बाद यही शेरू अब हॉलीवुड के परदे पर लायन फ़िल्म में लोगो के सामने आने वाला है । ऑस्कर अवार्ड विजेता निदेशक डेनी बायन की टीम इस फिल्म की शूटिंग के लिए खंडवा पहुचीं। यहाँ शेरू की जिंदिगी के अहम् शॉट्स फिल्माए जाएंगे ।वही शेरू को जन्म देने वाली माँ से जब पूछा गया की वह सारू के साथ ऑस्ट्रॉलिया जायंगी तो उन्होंने कहा की उनके लिए तो उनका छोटासा कमरा ही ऑस्ट्रॉलिया है।
27 साल पहले खंडवा के गणेश तलाई मोहल्ले में रहने वाला शेरू पिता मुन्सी खा पाँच साल की उम्र में अपने भाई के साथ रेल की बोगिओ में भीख मांगता था। एक दिन बुरहानपुर से लौटते समय उसकी नींद लग गई और वह कोलकत्ता पहुच गया । यहाँ अनाथ आश्रम में कुछ दिन गुजारे और एक सामजिक संस्था की मदद से ऑस्ट्रेलिया के एक दंपत्ति ने उसे गोद ले लिया। ऑस्ट्रेलिया जाकर शेरू सारु ब्रायली बन गया । फ़िल्म की कहानी के आधार पर शेरू की बचपन की जिंदिगी के अहम् शॉट्स फिल्माने के लिए 150 लोगो की टीम खंडवा में डेरा डाले हुए है ।
ऑस्ट्रेलियअन माता पिता की संतान बनकर सारू ने MBA की पढाई पूरी की और अपने पिता के बिज़नेस का सारथी बन गया ।इतना सबकुछ पाने के बाद भी सारू अपनी पिछली जिंदगी को नहीं भुला ।अपनी माँ, भाई,गरीबी,और खंडवा की यादो को उसने गूगल अर्थ के सहारे ढूंढ निकाला और तीन साल पहले वह ऑस्ट्रेलिया से खंडवा की उन तंग गलियो में पहुँच गया जहा उसकी माँ रहती थी । अपने बेटे को पाकर न केवल माँ बल्कि पूरे मोहल्ले के लोगो ने खूशिया मनाई।
जब यह कहानी खंडवा से निकल ऑस्ट्रेलिया तक जा पहुची तो ऑस्ट्रेलिया की एक कंपनी ने सारू की किताब A long way home पर फिल्म बनाने के इरादा किया । आप को बाता दें की A long way home नाम की किताब खुद सारू ने लिखी है। इसी किताब की कहानी पर पर हॉलीवुड के प्रसिद्ध निर्माता निदेशक डेनी बायन अपनी फिल्म लायन बना रहे है । शेरू फ़िलहाल ऑस्ट्रेलिया में है लेकिन उसकी जन्म देने वाली माँ फातिमा बी को पूरी उम्मीद है की यह फ़िल्म सुपर हिट होगी क्योकि यह फ़िल्म रियल स्टोरी पर बन रही है और शेरू मोक़द्दर का सिकंदर है ।
शेरू अपनी माँ फातिमा बी को अपने पास बुलाता है लेकिन उसकी माँ के लिए उसका ऑस्ट्रेलिया एक छोटे से कमरे में ही बस्ता है । ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी पहनावे पर भी शेरू की माँ को आपत्ति है । इस फ़िल्म की शूटिंग इंदौर देवास उज्जैन मुम्बई सहित कई जगहों पर हुई है ।
@तुषार सेन