अम्बेडकरनगर – थाना बेवाना अन्तर्गत ग्राम अहलादे का निवासी टेकईराम कहाँर पुत्र रामसुमेर (65) सीधा-सादा गरीब व्यक्ति है। वह सत्तापक्षीय नेताओं को पैसा देकर ‘खुश’ नहीं कर सकता। पुलिस के दलालों की जेबों का वजन भी नहीं बढ़ा सकता। उसकी आर्थिक तंगी की वजह से मीडिया/प्रेस भी उसका साथ नहीं दे रही है। संगीता की मौत मामले में पुलिस ने क्या किया, क्या कर रही है और क्या करेगी? कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है। यहाँ बता दें कि टेकईराम की लाडली बेटी संगीता (32) को दहेज लोभी ससुरालीजनों ने मौत के घाट उतार दिया था, जिसकी प्राथमिकी अकबरपुर कोतवाली में 23 फरवरी 2015 को ही दर्ज हुई है और मृतका के पति, ससुर-सास और ननद को हत्यारोपी नामजद किया गया है। टेकईराम व उसकी पत्नी के बयान भी क्षेत्राधिकारी अकबरपुर के समक्ष लिए जा चुके हैं।
एक गरीब माँ-बाप की ब्याहता बेटी की हत्या कर दी जाती है, सम्बन्धित थाना में मृतका के पिता वादी की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया जाता है फिर सी.ओ. स्तर पर ‘दहेज हत्या ’ के उक्त मुकदमें की जाँच शुरू की जाती है…..इस लम्बी प्रक्रिया में मृतका के माँ-बाप, परिजनों के बयान लिए जाते हैं और यदि पैरवी न की गई तो मामला ठण्डे बस्ते में डाल दिया जाता है………..आदि आशंकाओं से गुजरता टेकई राम कहाँर पुत्र राम सुमेर कहाँर निवासी अहलादे थाना बेवाना जनपद अम्बेडकरनगर अपनी एक मात्र छोटी बेटी संगीता (32) का शुद्धक/त्रयोदशा भी कर देता है इसके बावजूद उसे अब भी उम्मीद है कि नामजद आरोपियों को पुलिस पकड़ेगी जिससे उसके दिल के अन्दर सुलग रही आग शान्त होगी…।
यह मामला अम्बेडकरनगर जनपद की थाना-कोतवाली अकबरपुर क्षेत्र का है। ऊँचे गाँव-गौसपुर निवासी संतोष कुमार धुरिया (कहाँर) पुत्र छोटेलाल की पत्नी संगीता (32) की लाश अकबरपुर-फैजाबाद रेलवे लाइन के किनारे गत माह फरवरी की 23 तारीख को प्रातः लोगों द्वारा देखी गई थी। इत्तला मिलते ही टेकईराम (65) परिजन, हित-मित्रों के साथ मौके पर पहुँच गया था, जहाँ अपनी लाडली बेटी को मुर्दावस्था में देख कर वह बदहवाश हो गया। इसी बीच मृतका संगीता की लाश को पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर उसका पोस्टमार्टम कराया और अन्तिम संस्कार हेतु उसे ससुरालीजनों को दे दिया। आनन-फानन में संगीता का मृत शरीर आग के हवाले कर दिया गया।
मृतका संगीता के पिता टेकईराम ने अकबरपुर थाना कोतवाली में एक तहरीर दी। जिसके आधार पर कोतवाली अकबरपुर में मु.अ.सं. 071/23फरवरी 2015 में धारा 498ए, 304बी, 201 आई.पी.सी. के तहत मुकदमा पंजीकृत कर मृतका संगीता (32) के पति संतोष कुमार, उसके ससुर छोटेलाल, सास (नाम अज्ञात), ननद पुष्पा देवी को आरोपी बनाया गया। इस के उपरान्त क्षेत्राधिकारी अकबरपुर के समक्ष टेकईराम और उसकी पत्नी (दोनों मृतका संगीता के पिता/माता) के बयान दर्ज हुए। टेकईराम कहाँर को यकीन होने लगा कि अब जल्द ही उसकी बेटी के हत्यारों को सजा मिलेगी, जिन्होंने संगीता को लगभग 10 वर्षों तक प्रताड़ित कर अन्ततः 22फरवरी की रात मौत के घाट उतार दिया, आत्महत्या का रूप देने के लिए उसके शव को रेलवे लाइन पर मखदूमपुर गाँव के पास रख दिया था।
एक पखवारे की अवधि बीत गई है, टेकईराम कहाँर द्वारा दी गई तहरीर-बयान के बाद भी पुलिस का उपेक्षा रवैय्या उसके अन्दर विभिन्न प्रकार की आशंकाओं को जन्म देने लगा है। टेकईराम कहाँर ने बताया था कि 22 फरवरी की रात में अपनी ससुराल ऊँचे गाँव-गौसपुर से मोबाइल पर बात करते हुए संगीता ने कहा था कि पिता जी आज ऐसा लग रहा है कि आप लोगों से अन्तिम बार बात कर रही हूँ। मेरे ससुराली जनों के हाव-भाव से लग रहा है कि ये लोग मेरी हत्या कर देंगे। आज का माहौल ही इन लोगों ने कुछ ऐसा बना दिया है कि प्रतीत हो रहा है इनके क्रूर हाथों मेरी हत्या हो जाएगी और मेरे दोनों अबोध बच्चे (पुत्र 6, पुत्री 3) बगैर माँ के हो जाएँगे, साथ ही अब मैं अपनी प्रताड़ना से व्यथित होकर बार-बार मायके आकर आप लोगों की परेशानी नहीं बढ़ाऊँगी। इतना जरूर करना कि मेरे दोनों बच्चों का ध्यान रखना, यदि सम्भव हो तो इन्हें अपने पास बुलाकर रखना और परवरिश करना। उसकी यह फोन कॉल वास्तव में अन्तिम साबित हुई।
23 फरवरी की सुबह टेकईराम को संगीता की मौत का समाचार उसके ससुराली जनों ने दिया। टेकईराम कहाँर के अनुसार संतोष कुमार पुत्र छोटेलाल अकबरपुर के एक प्रभावशाली व्यक्ति के यहाँ नौकरी करता है और उसकी कार का चालक है। वह प्रभावशाली व्यक्ति एक कद्दावर सत्ताधारी माननीय का करीबी है, जिसकी वजह से पुलिस संगीता की संदिग्ध मौत मामले में दहेज हत्या मुकदमा दर्ज होने के उपरान्त भी आरोपियों पर हाथ नहीं डाल रही है। उल्लेखनीय है कि अकबरपुर क्षेत्राधिकारी पुलिस पद पर एक तेज-तर्रार महिला की नियुक्ति हुई है बावजूद इसके संगीता के प्रकरण में विलम्ब क्यों हो रहा है….?
रिपोर्ट :- रीता विश्वकर्मा