खंडवा – प्रदेश के खंडवा जिले में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया जहा एक और बच्चो और बचपन को बचाने वाली संस्था चाइल्ड लाइन का काला चेहरा देखने को मिला तो वही और हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल भी सामने आई। हुआ यू के राजस्थान में रहने वाले साकिर और बदायूँ के रहने वाले धनीराम के बच्चे घर से नाराज हो कर खंडवा पहुंच गए थे। चाइल्ड लाइन ने उन्हें रेलवे स्टेशन से ला कर अपने पास रख लिया परिजनों का आरोप है की माता पिता को बच्चों को सौपने के लिए पैसो की मांग करने लगे ? बदहाल परिजन चार दिन से एक मंदिर में रह कर अपने बच्चो को छुड़ाने की जुगत में लगे हुए थे आखिर में मामला जब खंडवा कलेक्टर के पास पंहुचा तक कही उन्हें अपनी आँखों के तारे मिल पाए।
खंडवा के कलेक्टर कार्यालय में उस वक्त अफरातफरी मच गई जब दो परिजन अपने बच्चो को चाइल्ड लाइन से छुड़ाने की गुहार जिला कलेक्टर से करने लागे। जी हां सुनकर थोड़ा अजीब जरूर लग रहा होगा के जो चाइल्ड लाइन बच्चो और बचपन बचने का काम करती है उसी से अपने बच्चो को छुड़ाने का आखिर क्या मामला है।
चलिए हम ही बताते है आखिर माजरा क्या है दरसल राजस्थान नागौर के रहने वाले साकिर का बेटा और उत्तरप्रदेश बदायूँ के रहने वाले धनीराम का बेटा किसी बात से नाराज होकर घर से भाग गए। घर से भागने के बाद दोनों खंडवा पहुंचे जहा रेलवे पुलिस ने इन्हे चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया। परिजनों का आरोप है की चाइल्ड लाइन के लोग इन मासूमों को उनके परिजनों के सुपुर्द करने के एवज रुपयों की माग करने लगे।
जहा लव जिहाद और घर वापसी का का काला साया देश की छवि बिगड़ रहा है तो वही पंडित कल्याण चोकड़े जैसे मंदिर के पुजारी एकता की मिसाल बन कर मानव सेवा करने में लगे है। भूखे प्यासे परिजनों को पुजारी कल्याण चोकड़े ने हिन्दू मुस्लिम परिवारों को मंदिर में रुकने की जगह दी और उन्हें उनके बच्चो को दिलाने में मदद भी की।
खंडवा कलेक्टर महेश कुमार अग्रवाल ने भी मामले में तत्परता दिखाई और बाल कल्याण ,चाइल्ड लाइन ,महिला बाल विकास के अधिकारियों को फटकार लगाई और मामले की जाँच कर बच्चो को उनके परिजनों को सौपने के आदेश दिए साथ ही खंडवा चाइल्ड लाइन को बर्खास्त करने के भी आदेश भी दिए।
चाइल्ड लाइन के पदाधिकारियों का कहना है की पूरा मामला बाल कल्याण समिति सामने रखती है वह से जैसा आदेश मिलता है उस के मुताबिक ही काम किया जाता है साथ ही पैसे मांगने की बात को भी बेबुनियाद बताकर सिरे से ख़ारिज कर दिया।
रिपोर्ट :- निशात सिद्दीकी