नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बड़ी राहत दी है। सर्वोच्च अदालत ने कोल घोटाले की सुनवाई कर रही ट्रायल कोर्ट के उस समन पर रोक लगा दी है, जिसमें मनमोहन सिंह को बतौर आरोपी पेश होना था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व प्रधानमंत्री को आगामी 8 अप्रैल को कोयला घोटाले में बतौर आरोपी पेश नहीं होना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सीबीआई समेत अन्य पक्षों से भी जवाब मांगा है। सीबीआई को जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते में वक्त दिया गया है। मनमोहन ने अपनी याचिका में सीबीआई के आरोपों पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़ा जो भी फैसला उन्होंने लिया, वह प्रशासनिक निर्णय था, उसमें आपाराधिक भावना नहीं थी।
माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में जब तक मामले की सुनवाई पूरी नहीं होती, तब तक ट्रायल कोर्ट की प्रक्रिया भी रुकी रहेगी।
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने कोल ब्लॉक आवंटन के हिंडाल्को केस में मनमोहन सिंह को आरोपी बनाते हुए समन भेजा था। उन पर पारदर्शिता का पालन न करते हुए निजी कंपनियों को माइनिंग के अधिकार देने का आरोप है। मनमोहन पर लगे आरोपों में भ्रष्टाचार, भरोसे को तोड़ना और आपराधिक षडयंत्र हैं।
इस मामले में हिंडाल्को के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला, पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख, हिंडाल्को के अधिकारी शुबेंदु अमिताभ और डी भट्टाचार्या समेत 6 लोगों को आरोपी बनाया गया। सभी को 8 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने को कहा गया है।
यह समन 2005 में ओडिशा के तालाबिरा में कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर दिया गया है। उस समय जब बिड़ला की कंपनी हिंडाल्को को यह कोल ब्लॉक दिया गया था, तो कोयला मंत्रालय पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास ही था।
यह समन धारा 120बी और धारा 409 के तहत भेजा गया है। इसके तहत जो भी आरोपी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें अधिकम उम्र कैद तक हो सकती है।