नई दिल्ली – रविवार को जजों की कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कानून और कानूनी प्रक्रिया में बड़े बदलाव लाने की पैरवी की । उन्होंने कहा कि बेकार के पुराने कानूनों को हटाया जाना चाहिए, ताकि कानून प्रक्रिया बोझिल न रहे। पीएम ने कहा कि वह हर दिन एक ऐसा ही पुराना कानून खत्म करने की इच्छा रखते हैं।
नई दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के जजों और हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों की कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जजों के ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि भगवान ने उन्हें पवित्र काम के लिए चुना है। दिल्ली में आयोजित कॉन्फ्रेंस में पीएम ने कहा, ‘जजों के पास दैवीय शक्ति है। आम आदमी को जजों से बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं।’
पीएम ने कहा, ‘न्यायापालिका ताकतवर भी होनी चाहिए और एकदम सही भी होनी चाहिए। यह एक ऐसी जगह है, जिसके ऊपर देश की जनता को भरोसा है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में कानून के अच्छे संस्थान स्थापित करने की जरूर है। उन्होंने कहा, ‘भविष्य की जरूरतों के बारे में अभी से सोचना चाहिए। इसलिए जरूरी है कि अच्छे लॉ इंस्टिट्यूशन्स स्थापित किए जाएं।’
न्यायिक व्यवस्था में टेक्नॉलजी का इस्तेमाल और बढ़ाने की बात करते हुए पीएम ने कहा कि इससे काफी बदलाव आएगा। पीएम ने कहा कि जजों को फरेंसिक साइंस की भी जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इस काम के लिए अच्छे लोग उपलब्ध हों।
पीएम ने पुराने और अप्रासंगिक हो चुके कानून को हटाने जाने की पैरवी करते हुए कहा कि सरकार इस तरह के 700 कानून हटाने जा रही है। उन्होंने कहा, ‘मैं तो चाहता हूं कि हर रोज एक बेकार और पुराने पड़ चुके कानून को हटाऊं। हम 700 ऐसे कानून हटाने जा रहे हैं। ऐसे और 1700 कानून हटाए जाएंगे।’
पीएम ने कहा कि कानून प्रक्रिया को सरल बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोर्ट के कामकाज में इस्तेमाल होने वाली भाषा बहुत मुश्किल है और यह ऐसी होनी चाहिए, जिसे आम इंसान भी आसानी से समझ ले।