भोपाल – आरएसएस के ‘घर वापसी’ अभियान को लेकर भले ही बातें की जाती हों लेकिन घर वापसी की वकालत सबसे पहले महात्मा गांधी ने की थी। उन्होंने अपने बड़े बेटे हरिलाल द्वारा मुस्लिम धर्म स्वीकार करने पर उसे पत्र लिखकर कहा था कि घर वापस आ जाओ। बापू ने आरएसएस के बारे में कभी नकारात्मक बात नहीं की। संघ के वर्धा कार्यक्रम में तो वह बिना बुलाए पहुंच गए थे और सेवा कार्यों की प्रशंसा भी की।
यह विचार आरएसएस के विचारक राकेश सिन्हा ने यहां समन्वय भवन में आयोजित संघ के एक कार्यक्रम व्यक्त किए। उन्होंने अनेक प्रसंगों का जिक्र करते हुए संघ के प्रति गांधीजी के सकारात्मक विचारों पर जोर दिया। सिन्हा ने यह रहस्य भी उद्घाटित किया कि गांधीजी ने अपने अखबार’हरिजन” में खबरों को लेकर बेहद निष्पक्षता का भाव रखते थे।
बेटे की गलती पर हरिजन में दो बार उसके खिलाफ खबर प्रकाशित कर दी। लेकिन कभी संघ को लेकर उन्होंने एक लाइन भी विरोध में नहीं लिखी। घर वापसी को लेकर आज भले बातें बनाई जा रही हों लेकिन सबसे पहले घर वापसी के लिए गांधीजी ने अपने बेटे को प्रेरित किया था।
सिन्हा ने संघ एवं उसके संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार का जमकर महिमामंडन किया। हेडगेवार की जीवनी का जिक्र करते हुए बताया कि अन्याय को लेकर व्यवस्था का विरोध करना उन्होंने स्कूली जीवन में ही सीख लिया था।
उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कामरेड सीताराम येचुरी का चार-पांच बार जिक्र किया, साथ ही बताया कि संघ को लेकर प्राय: उनके पेट में दर्द होने लगता है। समन्वय भवन के खचाखच भरे हाल में सिन्हा का संबोधन करीब पौने दो घंटे चला। कार्यक्रम का आयोजन उत्तम चंद इसराणी ट्रस्ट की ओर से किया गया था।
संघ के विचारक सिन्हा ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नाम का जिक्र न करते हुए उनके ओबामा को लेकर की गई टिप्पणी की आलोचना की। वह बोले कि वह ओबामा को इस तरह ओबामाजी कहते हैं जैसे उनके समधी हों।