भोपाल- मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर के खिलाफ मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इसमें सचिन से ‘भारत रत्न’ वापस लेने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि भारत रत्न से नवाजे गए सचिन तेंडुलकर अभी भी विज्ञापनों में काम कर रहे हैं। भारत का सर्वोच्च सम्मान हासिल कर चुके व्यक्ति के लिए ऐसा करना सही नहीं है। याचिका भोपाल के वीके नस्वा ने दायर की है। इस मामले में अगली सुनवाई 23 जून को होगी।
वीके नस्वा का कहना है कि देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजे गए किसी व्यक्ति का टीवी पर इस तरह से विज्ञापनों में काम करना सही नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं ही नहीं, बल्कि देश में कई लोग ऐसा सोचते होंगे।” इस संबंध में जस्टिस केके त्रिवेदी और चीफ जस्टिस एएम खानविलकर ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या सु्प्रीम कोर्ट ने ऐसे किसी मामले में कोई आदेश जारी किया है या ऐसा कोई प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन है?
वीके नस्वा ने कहा है कि या तो नौतिक जिम्मेदारी लेते हुए सचिन भारत रत्न वापस करें या सरकार खुद इस मामले में एक्शन लेते हुए उनसे ये सम्मान वापस ले। इस सम्मान का कमर्शियल इस्तेमाल किया जाना गलत है।
गौरतलब है कि पूर्व दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर इस वक्त अवीवा लाइफ इन्श्योरेंस, बूस्ट, एमआरएफ, ल्यूमिनस सहित करीब 12 ब्रांड्स को एंडोर्स कर रहे हैं। उन्होंने नवंबर 2013 में क्रिकेट से संन्यास लिया था। इसके बाद यूपीए सरकार ने उन्हें भारत रत्न सम्मान से नवाजे जाने की घोषणा की थी।
याचिका में कहा गया है कि अब तक जितने भी लोगों को भारत रत्न मिला है, उनमें से सिर्फ सचिन तेंडुलकर ही ऐसा करते हैं। बता दें कि इस सम्मान से नवाजे जाने के बाद से ही सचिन पर सवाल उठते रहे हैं। इससे पहले मुंबई के एक एनजीओ ने भी इस संबंध में सचिन को पत्र लिख एंडोर्समेंट्स पर फिर से विचार करने की बात कही थी।