चंडीगढ़- हरियाणा के दस हजार सरकारी स्कूलों में इस बार 15 अगस्त को गांव की बेटियां ध्वजारोहण करेंगी। राज्य के इतिहास में यह नजारा पहली बार देखने को मिलेगा। शिक्षा विभाग ने स्वतंत्रता दिवस की इस मुहिम को ‘बेटी का सलाम राष्ट्र के नाम’ नाम दिया है।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ मुहिम को सफल बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है। राज्य में प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के करीब 15 हजार स्कूल हैं, जिसमें से कम से कम दस हजार स्कूलों में यह मुहिम सिरे चढ़ाने का लक्ष्य है। गांव की सबसे अधिक पढ़ी-लिखी अविवाहित लड़की ध्वजारोहण करेगी। नियम यह है कि शैक्षणिक वर्ष 2014-15 में गांव की जिस बालिका ने अपने गांव में संबंधित परीक्षा में अधिकतम अंक प्राप्त किए हों, चाहें वह दसवीं पास हो या पीएचडी।
इस दौरान उन व्यक्तियों, स्वयंसेवी संस्थाओं और समूह का भी सम्मान किया जाएगा, जिन्होंने पांच या उससे अधिक बालिकाओं को स्कूल में दाखिला लेने के लिए प्रेरित किया है। ऐसी बेटियों के चयन के लिए शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं। इन बेटियों को स्कूल की तरफ से लिखित में निमंत्रण पत्र भेजा जाएगा। 14 अगस्त की शाम को स्कूल टीचर, सरपंच और एसएमसी प्रधान खुद इन बेटियों को सपरिवार स्कूल आकर ध्वजारोहण करने का संदेश देंगे। स्कूल में इन बेटियों और इनके परिवार को मुख्य अतिथि का प्रोटोकाल मिलेगा।
यह बेटियां एसएमसी की मानद सदस्य होंगी
इन बेटियों को एसएमसी (स्कूल मैनेजमेंट कमेटी) की मानद सदस्यता दी जाएगी। कई बार एसएमसी पर अंगूठा टेक का आरोप भी लगता रहा है। पूरे एक साल के लिए एक लड़की मानद सदस्य के तौर पर काम करेगी, जो स्कूल में होने वाली बेटियों के हक की आवाज प्रबंधन तक पहुंचाएगी।
सभी स्कूलों में ध्वजारोहण करने वाली यह लड़कियां पूरे वर्ष के लिए गांव और वार्ड स्तर की ब्रांड एंबेसडर होंगी। जो पूरे वर्ष बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की संदेश वाहक के रूप में स्कूल की मदद करेंगी। स्कूल इनको एसमएसी की बैठक में भी बुलाएगा।