नई दिल्ली-मुंबई हाईकोर्ट ने पर्यूषण पर्व पर मुंबई में मांस की बिक्री पर लगे प्रतिबंध पर रोक लगा दी है, हालांकि कोर्ट के फैसले के बाद भी मांस बिक्री पर हो रहा विवाद थमा नहीं है। संस्कृति मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) महेश शर्मा ने एक नए विवाद की रूपरेखा तय कर दी। उन्होंने नवरात्र पर मांस की बिक्री पर रोक लगाने का प्रस्ताव दिया है।
उन्होंने कहा है कि अक्टूबर में नवरात्र के नौ दिनों में किसी भी धर्म के लोग मांस न खाएं। उन्होंने दुकानदारों से भी अपील की कि वे नवरात्र के दिनों में मांस की बिक्री न करें। उल्लेखनीय है कि नवरात्र नौ दिन तक चलने वाला हिंदुओं का महत्वपूर्ण त्यौहार है, जो चैत्र ( मार्च-अप्रैल) और अश्विन (अक्टूबर) महीने में मनाया जाता है।
महेश शर्मा ने कहा कि यदि लोग विशेष अवसरों पर अन्य समुदाय की भावनाओं का सम्मान करते हैं और मांसाहार नहीं करते हैं तो यह अच्छा संकेत होगा। उन्होंने कहा, ‘सैद्धांतिक तौर पर, मैं किसी भी प्रकार के प्रतिबंध के पक्ष में नहीं हूं यह लोगों की पसंद है कि वह क्या खाना चाहते हैं।
शर्मा ने कहा कि लोगों से कुछ दिनों के लिए मांसाहार रोकने के लिए कहना प्रतिबंध नहीं है। लोग नवरात्र त्योहार के दिनों में मांसाहारी भोजन नहीं खाते हैं। होटल भी त्योहारों के दौरान मांसाहार नहीं बेचते हैं।
महेश शर्मा ने ये टिप्पणी पर्यूषण पर्व पर मुंबई में मांस की बिक्री पर लगे प्रतिबंध के मद्देनजर की है। वहीं महेश शर्मा के प्रस्ताव की आलोचना करते हुए आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि आरएसएस परदे के पीछे से सरकार चला रहा है। अनेकता में एकता की संस्कृति वाले देश के मंत्री महेश शर्मा रामायण और महाभारत की पढ़ाई स्कूलों में अनिवार्य करने के साथ नवरात्र पर मीट बैन करने की दलील दे रहे हैं। एजेंसी