काला धन कानून सितंबर में विशेष रियायत अवधि पूरी होते ही गुरुवार को लागू हो गया। सरकार ने कहा कि इस रियायत अवधि में देश के 638 लोगों ने कुल 3,770 करोड़ रुपये (58 करोड़ डॉलर) विदेश में जमा रखने की घोषणा की।
राजस्व सचिव हंसमुख अधिया ने यहां संवाददाताओं से कहा, “जो भी मिला, हमने स्वीकार कर लिया। अब हम उन लोगों पर कार्रवाई करेंगे, जिन्होंने काले धन की घोषणा नहीं की और जिनके बारे में जानकारी मिलेगी।”
काले धन की घोषणा करने के लिए रियायत योजना की अवधि 30 सितंबर को समाप्त हो गई। इस अवधि के अंदर विदेश में काला धन रखने की घोषणा करने वाले को 31 दिसंबर से पहले संपत्ति पर 30 फीसदी कर और अतिरिक्त 30 फीसदी जुर्माना देना होगा। काले धन की घोषणा करने की रियायत अवधि एक जुलाई से शुरू हुई थी।
इस दौरान संपत्ति की घोषणा नहीं करने वाले पर अघोषित विदेशी आय और संपत्ति (कराधान) कानून-2015 (काला धन कानून) के तहत संपत्ति का 30 फीसदी कर और अतिरिक्त 90 फीसदी जुर्माना यानी, प्रभावी तौर पर कुल 120 फीसदी कर लगाया जाएगा। बयान में कहा गया है, “घोषणा स्वीकार करने के लिए निर्दिष्ट अधिकारी 30 सितंबर 2015 को मध्य रात तक काम करते रहे।
बयान के मुताबिक, इसका कारण यह था कि आयकर कार्यालय में काले धन की घोषणा करने वालों का तांता लग गया था। बयान में कहा गया है, “घोषणा स्वीकार करने के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल भी मध्य रात तक खुला रहा। इस बीच केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की अध्यक्ष अनिता कपूर ने गुरुवार को कहा कि काले धन की घोषणा को सरल करने के लिए सरकार ने हर संभव कदम उठाए।
उन्होंने कहा, “हमने लोगों की कई जिज्ञासाओं के जवाब दिए। अनिता कपूर ने कहा, “हमारी ओर से यह सुनिश्चित करने की हर संभव कोशिश रही कि जो संपत्ति की घोषणा करना चाहते हैं, उन्हें पूरी सुविधा दी जाए। उन्होंने कहा, “रियायत अवधि समाप्त हो जाने के बाद कानून के समस्त प्रावधानों के साथ काला धन की घोषणा नहीं करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। काला धन अधिनियम में पहली बार विदेश में जमा रखी गई संपत्ति पर देश में कर लगाने का प्रावधान किया गया है।
सरकार के पास विदेश में जमा काले धन के बारे में कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है, लेकिन अनाधिकारिक अनुमानों के मुताबिक, यह रकम 466 अरब डॉलर से लेकर 1,400 अरब डॉलर तक हो सकती है।