किशनगंज-एआईएमआईएम के सुप्रीमो सह सांसद असद्दुउद्दीन ओवैसी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘न्याय के साथ विकास’ के माडल पर प्रश्न खड़ा करते हुए आरोप लगाया कि इस प्रदेश में जेल में बंद मुसलमानों की आबादी बिहार में मुसलमानों की कुल आबादी की तुलना में अधिक है।
किशनगंज के कोचाधामन विधानसभा क्षेत्र के हल्दीखौरा में आज एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने आरोप लगाया कि बिहार में मुसलमान की आबादी 17 फीसदी है लेकिन बिहार के जेलों में 18 प्रतिशत मुसलमान बंद हैं।
उन्होंने कहा कि वे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछना चाहते हैं कि क्या यही उनका न्याय के साथ विकास है. ओवैसी ने बिहार में मुसलमानों की अगुवाई करने वाले नेतृत्व की कमी होने का दावा करते हुए आरोप लगाया कि इसी कारण इस प्रदेश में अल्पसंख्यकों को वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करते रहे हैं। अल्पसंख्यक बहुल सीमांचल की चर्चा करते हुए ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह इलाका विकास के मामले में देश के अन्य क्षेत्रों से 15 वर्ष पीछे है।
इस अवसर पर एआईएमआईएम के कोचाधामन से प्रत्याशी अख्तरुल ईमान ने प्रदेश में सत्तासीन पार्टी जदयू और विपक्षी पार्टी भाजपा को एक ही थाली के चट्टे-बट्टे होने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 17 वर्षों तक भाजपा के साथ रहे और अब वे धर्मनिरपेक्ष बनने का ढोंग कर रहे हैं।