जेम्स बॉन्ड की फिल्म ‘स्पेक्टर’ से किसिंग सीन को छोटा किए जाने के मुद्दे पर सेंसरबोर्ड प्रमुख पहलाज निहलानी की जमकर आलोचना हो रही है। इस मुद्दे पर निहलानी ने कहा ‘मैं कोई संस्कारी नहीं हूं। केवल सेंसरबोर्ड की गाइड लाइन को फॉलो कर रहा हूं। यह नियम 1952 से बने हुए हैं।’
उन्होंन कहा ‘मैं खुद एक प्रोड्यूसर हूं। बोर्ड के किसी भी कदम से प्रोड्यूसर तो प्रभावित नहीं हो रहा, मैं सबसे पहले यह सोचता हूं।’
दूसरी तरफ सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने तय कर लिया है कि सेंसरबोर्ड प्रमुख पहलाज निहलानी की कुर्सी बदल दी जाएगी।
मंत्रालय अधिकारी की ओर से कहा गया ‘यह केवल समय की बात है। जल्द ही इस बात की अधिकृत घोषणा हो जाएगी कि उन्हें पद से हटाने का फैसला कर लिया गया है।
इस साल जनवरी में पहलाज निहलानी की नियुक्ति 23 सदस्यीय बोर्ड के प्रमुख के तौर पर की गई थी। इसके बाद से ही लगातार विवाद खड़े हो रहे थे। ताजा मामला निहलानी के द्वारा तैयार किया गया एक वीडियो से जुड़ा था जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महिमा मंडन का था।
निहलानी के इस काम के बाद उनकी फिल्मी गलियारों में भी आलोचना हुई थी। पीएम नरेंद्र मोदी को इस वीडियो में बतौर ‘एक्शन हीरो’ दर्शाया गया था।
सूचना और प्रसारण मंत्री अरुण जेटली और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने संयुक्त रुप से निहलानी को लेकर अपनी नाखुशी जाहिर की थी। यह अभी तय नहीं किया गया है कि फिल्ममेकर को कब दिल्ली बुलवाया जाएगा। सोशल मीडिया पर निहलानी की इस बात को लेकर भी आलोचना हुई थी कि उन्होंने जेम्स बॉन्ड की मूवी ‘स्पेक्टर’ से किसिंग सीन को आधा काट दिया था।