इंदौर – धार भोजशाला में बसंत पंचमी पर पुरातत्व विभाग के कार्यक्रम के हिसाब से ही सूर्योदय से दोपहर 12 बजे तक पूजा और दोपहर एक से तीन बजे तक नमाज होगी। दोनों धर्मों के 100-100 लोगों को अलग-अलग समय पर पूजा और नमाज की अनुमति देने के सुझाव को खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने मंगलवार को यह व्यवस्था दी है। कोर्ट ने इसके लिए प्रशासन को पुख्ता व्यवस्था करने को भी कहा है।
उल्लेखनीय है कि धार निवासियों ने यह याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट की डबल बेंच ने सोमवार को आदेश सुरक्षित रख लिया था। याचिका में सीनियर एडवोकेट आनंद मोहन माथुर ने सुझाव दिया था कि हिंदू और मुस्लिम धर्म के 100-100 लोगों को अलग-अलग समय पर पूजा और नमाज की अनुमति देने से विवाद की स्थिति टाली जा सकती है।
उधर, धार निवासी अरुण सिंह ठाकुर की ओर से दायर एक अन्य याचिका पर हाई कोर्ट ने मंगलवार को पुरातत्व विभाग, प्रदेश शासन, धार एसपी और कलेक्टर को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा है। इस याचिका में पुरातत्व विभाग के नमाज और पूजा को लेकर दी गई व्यवस्था के आदेश को रद्द करने की मांग की गई है।
साथ ही कहा गया है कि कानूनन किसी भी धर्मावलंबी को तय समय के हिसाब से पूजा करने या नमाज पढ़ने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। हिंदुओं द्वारा सूर्योदय के साथ शुरू किए जाने वाले हवन को दोपहर नमाज के वक्त रोकना संभव नहीं होगा। ऐसे में विवाद की स्थिति बन सकती है।