जीका नामक वायरस का असर अमेरिका तक ही सिमित नहीं बचा है इसका प्रकोप अब चीन भी पहुँच चूका है ! जीहां चीन में एक व्यक्ति में इस वायरस के मिलने की पुष्टि हुई है। पीड़ित हाल ही में दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला से लौटा है। पीड़ित को निगरामी में रखा है !
पीड़ित की उम्र 34 साल है और वो 5 फरवरी को हांगकांग होते हुए लैटिन अमेरिकी देश वेनेजुएला से लौटा है। वहां से लौटने पर उसमें बुखार, सिरदर्द और चक्कर आने जैसे लक्षण देखे गए। वो पूर्वी जिआंग्शी प्रांत की गैंशियान काउंटी का रहने वाला है और उसे ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।
हालाँकि दुनियाभर के 22 देश जीका वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इनमें से ज्यादातर लैटिन अमेरिकी देश हैं। खासकर दक्षिणी और मध्य अमेरिकी देशों में इसका असर ज्यादा देखा जा रहा है।वहीँ दूसरी तरफ ब्राजील इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। जीका वायरस से बढ़ते खतरे को देखते हुए WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने इसे लेकर इंटरनेशनल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है।
ज्ञात रहे कि जीका ‘एडीस ऐजिप्टी’ नाम के मच्छर से फैलने वाला वायरस है। यह वही मच्छर है जो यलो फीवर, डेंगू और चिकनगुनिया फैलाने के लिए भी जिम्मेदार है। प्रेग्नेंट महिलाएं को इससे ज्यादा खतरा होता है। वायरस की वजह से बच्चे छोटे सिर (माइक्रोसेफैली) के साथ पैदा होते हैं। माइक्रोसेफैली न्यूरोलॉजिकल समस्या है। इसमें ब्रेन पूरी तरह डेवलप नहीं हो पाता है। इस वायरस का पहला मामला 1947 में अफ्रीकी देश युगांडा में सामने आया था। जीका के कोई खास सिम्पटम्स नहीं हैं। इसे पहचानना बहुत मुश्किल है।
[इंटरनेशनल डेस्क]