आणंद- देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुहीम ”बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, को कलंकित करने से नहीं चूक रहे उनके ही क्षेत्रवासी शिक्षक ! दअसल गुजरात की एक शाला में शाला के प्रीसिपल द्वारा 8 वीं कक्षा की छात्रा को प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है जिसमे छात्रा को प्रताड़ित किये जाने से वह पिछले 5 माह से शाला में जा नहीं पाती।
अब अपनी शिक्षा के अधिकार को पाने के लिए छात्रा ने राष्ट्रपति से गुहार लगाकर शिक्षा का हक़ दिलाने या फिर जीवन लीला समाप्त करने की अनुमति देने की मांग की है। जिस को ले कर प्रधानमंत्री का ”बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, का नारा दम तोड़ता नजर आ रहा है।
गुजरात के मिल्क सिटी आणंद से २० किलोमीटर की दुरी स्थित आंकलाव गाव के निवासी राहुलकुमार गुप्ता की बेटी इशिका (उम्र ) भादरण गाव स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में ८वी कक्षा छात्र है।
इशिका का कहना है कि शाला की प्राचार्य श्रीमती किरण म्हस्के द्वारा कुछ पालकगणों को गुमराह कर के विध्यालय के विकास के नाम पर अनधिकृत तरीके इ पैसा जमा कर रही थी। जिस से पीटीसी के सदस्य होने के नाते राहुल कुमार ने पैसा जमा करने के मामले आचार्य से पूछताछ की जिस का आचार्य द्वारा प्रत्युत्तर नहीं देने पर राहुल कुमार ने सुचना अधिकार के माध्यम से हिसाब हेतु जानकारी की मांग की लेकिन आचार्य ने जानकारी देने के बजाये राहुल गुप्ता पर सुचना वापस लेने पर दबाव डाला गया।
और नहीं लेने पर इशिका गुप्ता को प्राचार्य द्वारा विभिन्नं तरीको से मानसिक प्रताड़ना सुरु की और उन्होंने १३ साल की छात्र पर प्रताड़ना देने में कोई कमी नहीं छोड़ी और मानवता की सारी हदो को प्राप्त करते हुवे प्राचार्य ने इशिका गंंभीर रूप से बीमार होने के बाद भी उसका उपचार नहीं कराया और १२ सितम्बर २०१५ को जब राहुल गुप्ता अपनी बेटी को मिलने शाला में पहुंचे तो गंभीर रूप से बीमार इशिका को अस्पताल ले जाने के लिए याचना की लेकिन फिरभी प्राचार्य ने इंकार कर दिया और कलेक्टर की मध्यस्थी के बाद ही इशिका को उपचार के लिए ले जाने की मंजूरी दी और इसी दिन प्राचार्य द्वारा इशिका को कोरे कागज पर हस्ताक्षर के लिए दबाव बनाया गया। और उस से मारपीट भी की गई ,फिर भी इशिका ने कोरे कागज़ पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया।
प्राचार्य द्वारा बीमार इशिका की पिटाई करने से उसके लिए दर्द असहनीय हो गया। और इस से इशिका काफी डर गई थी। और उस के बाद राहुल गुप्ता ने अपनी बेटी इशिका को न्याय दिलाने के लिए कई आला अफसर और नवोदय बोर्ड के पदाधिकारी ओ से गुहार लगाई।
पिछले ५ माह से इशिका स्कुल नहीं जा पाती और शिक्षा के अधिकार से वंचित है। फिर भी न्याय नहीं मिलने पर इशिका ने १४ जनवरी २०१६ को राष्ट्रपति को पत्र भेज कर न्याय की गुहार लगाई। और उसे शिक्षा अधिकार दिया जाये या तो फिर शिक्षा के बिना की जिंदगी से छुटकारा पाने के लिए जीवन समाप्त कर इच्छा मृत्यु की अनुमति देने की मांग की है।
फिर भी एक माह तक न्याय नहीं मिलने पर आज इशिका ने राष्ट्रपति से अंतिम पत्र लिख कर गुहार लगाई है की अब मुझे न्याय की उम्मीद नजर नहीं आती। मुझे बड़ी लज्जा और धृणा के साथ कहना पद रहा है की मेने हिंदुस्तान में जन्मा तो लिया है जहा बड़ी बड़ी बाते होती है लेकिन वास्तविकता का धरातल कुछ और ही है। अगर दिन १० में मुझे न्याय नहीं मिलता है तो मुझे या मेरे परिवार को कुछ होता है। उसकी समस्त जिम्मेदारी शाला के प्राचार्य किरण म्हस्के। अहमदाबाद के नवोदय बोर्ड के राजेश गुप्ता और पुणे संभाग के उपयुक्त जगदीशर चारि। और कलेकटर धवल पटेल। और विश्वजीत आयुक्त नवोदय बोर्ड को ठहराया गया है।
पत्र में कहा है कि अगर दिन १० में उसे न्याय नहीं मिला तो मेरे जीवन का स्वीकार करना इस मामले में शाला के प्राचार्य किरण महस्के ने केमेरा के सामने कुछ भी कहने की उनको अनुमति नहीं है ये कह कर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया
जब की शाला समिति के चेरमेन और कलेकटर धवल पटेल ने कहा की इस मामले में कोई तथ्य नहीं है !
आणंद के सांसद दिलीप पटेल ने कहा की इस मामले में छात्रा को न्याय दिलाने के लिए आज उन्होंने भारत सरकार के एचआरडी मंत्रालय के मंत्री स्मृति ईरानी से मांग की है। और वोह कल शाला में खुद जा कर जाँच करेंगे
रिपोर्ट- बुरहान पठान