नई दिल्ली- जेएनयू में देशविरोधी नारेबाजी का आरोपी और मास्टरमाइंड बताया जा रहा उमर खालिद अपने 4 और साथियों के साथ कल शाम जेएनयू पहुंच गया। बताया जा रहा है कि ये छात्र शाम 6 बजे से रात 8 बजे के बीच कैंपस पहुंचे। खबर मिलते ही पुलिस जेएनयू पहुंची लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने पुलिस को अंदर नहीं जाने दिया गया।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में संसद हमले के दोषी अफजल गुरू के समर्थन में विवादित कार्यक्रम आयोजित करने के आरोपी उमर खालिद समेत अन्य छात्र के कैंपस में पहुंच गए । पुलिस के जाने पर यहां मौजूद छात्रों ने कहा कि वो आत्मसमर्पण नहीं करेंगे, मगर पुलिस आकर उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। एक आरोपी छात्र आशुतोष ने सभी के कैंपस में होने की जानकारी ट्वीट कर दी है। उसने लिखा है, वी आर इन कैंपस। करीब 20 मिनट कैंपस में रुकने के बाद पुलिस बाहर निकल आई।
इन छात्रों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज है। आशुतोष ने कहा हम लोग जांच पड़ताल में साथ देने के लिए आए हैं। हमें देश और दुनिया के छात्रों का जो भारी समर्थन मिला उसने हमें वापस लौटने की हिम्मत दी।
मैं रामा, अनिर्बन और अनंत यहीं आसपास थे मगर लोगों के सामने इस डर से नहीं आए कि लोग हमें मार देंगे। आशुतोष ने कहा कि हम चारों का उमर से कोई संपर्क नहीं था। उससे आखिरी बार 9 फरवरी को बात हुई थी। सभी छात्र दिल्ली में ही थे और रविवार को कैंपस लौटने का फैसला व्यक्तिगत था, हमने यह फैसला मिलकर नहीं लिया। हमने कुछ भी गलत नहीं किया है। हमें फर्जी वीडियो के जरिए फंसाया गया है। हम अब कहीं नहीं जाएंगे और यूनिवर्सिटी को राष्ट्रविरोधी का तमगा दिए जाने के खिलाफ अभियान जारी रखेंगे।
कैंपस में लौटने के बाद छात्रों ने कैंपस में सभा आयोजित की। यहां उमर खालिद समेत अन्य आरोपी छात्रों ने करीब 300 की छात्रों की भीड़ को संबोधित भी किया है। उमर ने कहा कि मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। जिस तरह सोशल मीडिया पर मेरी बहन के खिलाफ कमेंट हो रहे हैं उससे मैं काफी परेशान हूं। मेरा कोई आतंकी कनेक्शन नहीं है।
उमर ने कहा कि पिछले 10 दिनों में मुझे अपने बारे में ऐसी ऐसी बातें पता चलीं जो मुझे खुद नहीं पता थी। मुझे पता चला कि मैं 2 बार पाकिस्तान होकर आया हूं, मेरे पास पासपोर्ट नहीं है और मैं पाकिस्तान हो कर आया हूं। फिर मुझे पता चला कि में मास्टरमाइंड था।
साढ़े दस से साढ़े ग्यारह बजे के बीच आरोपी छात्रों ने कुलपति कार्यालय (एडमिन ब्लॉक) के नीचे भाषण दिया। खबर लिखे जाने के समय भी वह एडमिन ब्लॉक में ही मौजूद थे और फिर सभा को संबोधित कर रहे थे।
आरोपी छात्रों ने कहा कि हम कहीं भाग नहीं रहे थे। हम सरेंडर करने आए हैं। पुलिस को इस केस में 16 छात्रों की तलाश है जिनमें छह मुख्य मुख्य आरोपी हैं। एक आरोपी कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी हो चुकी है। उमर, अनिर्बान भट्टाचार्य, अनंत प्रकाश, रामानागा और आशुतोष समेत पांच पुलिस की पकड़ से बाहर थे।
पुलिस ने इनमें से तीन के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया था। जेएनयू प्रशासन ने सिक्योरिटी को रात दस बजे सभी गेट बंद करने का आदेश दे दिया था। इसके बाद से न तो कोई छात्र भीतर आया और न ही बाहर गया। पुलिस छात्रों के दबाव में बाहर आई या किसी के आदेश पर यह पता नहीं लग पाया।