नई दिल्ली- ‘8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है और ऐसा हो सकता है कि उस दिन सिर्फ महिला सदस्य ही संसद में बोलें !’ यह कहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को तोहफा देने के लिए गुरुवार को लोकसभा के सामने एक प्रस्ताव रखा है !
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बजट सत्र के भाषण के थैंक यू मोशन में पीएम ने कहा कि क्यों न इस खास दिन पर सिर्फ और सिर्फ महिला सांसदों को ही सदन में बोलने का मौका दिया जाए !
लोकसभा में 62 सीटों पर महिला सांसद हैं, जो सदन की कुल सीटों का 11 फीसदी हैं ! निचले सदन में पहली बार महिला सांसदों की संख्या इतनी बड़ी है ! 1977 में ये संख्या सबसे कम थी, जब सदन में सिर्फ 3.5 फीसदी यानि 19 महिला सांसद थी !
ज्ञात हो कि पीएम मोदी महिलाओं के सशक्तिकरण की पहल करते हुए सुषमा स्वराज और स्मृति ईरानी को विदेश और मानव संसाधन विकास जैसे बड़े और अहम मंत्रालय सौंपे हैं ! इसके अलावा उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी पूर्व आईपीएस ऑफिसर किरण बेदी को बतौर सीएम कैंडिडेट प्रोजेक्ट किया था ! उन्होंने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसी योजनाएं लाने के अलावा सोशल मीडिया पर ‘सेल्फी विद डॉटर'(बेटी के साथ सेल्फी) का ट्रेंड भी शुरू किया था, जिसमें न सिर्फ भारतीय बल्कि विदेशियों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था !
गौरतलब हो कि निचले सदन में बीजेपी की 30 महिला सांसद हैं, एआईएडीएम की चार और कांग्रेस की तीन महिला सांसद हैं ! इनके अलावा लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन भी मध्य प्रदेश से सांसद हैं ! लोकसभा में फिलहाल महिला सांसदों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, बीजेपी सांसद हेमा मालिनी, मेनका गांधी और स्मृति ईरानी, पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ति, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल और एनसीपी की सुप्रिया सुले अहम हैं !